पितृपक्ष और नवरात्र की महालया

पितृपक्ष और नवरात्र की संधिकाल को महालया कहा जाता है इस समय मां दुर्गा के घर आगमन के लिए पूजा की जाती है और पितरों को जल देकर प्रार्थना और नमन करते हैं कि आपअपनेलोकमेंप्रसन्नरहें और अपने परिवारजन पर हमेशा कृपा दृष्टि बनाए रखें| महालया अमावस्या की सुबह को पितर पृथ्वीलोक से विदाई लेते हैं और शाम के समय मां दुर्गा अपनी योगनियां और पुत्र गणेश,कार्तिकेय के साथ पृथ्वी पर पधारती हैं अर्थात महालया के दिन पितृपक्ष समाप्त होता है और इसी दिन से देवीपक्ष की शुरुआत हो जाती है| मान्यता है कि पृथ्वीलोक देवी पार्वती का मायका है और नवरात्रि के नौ दिनों में पृथ्वी पर रहते हुए लोगों की कठिनाइयों को दूर करती हैं |इसलिए इस दिन से माँ की आराधना विशेष रूप से की जाती है।

श्राद्ध पक्ष ‘मृतकों’ का न हो कर जीवन के प्रति, अमरता के प्रति, अक्षुण्ण प्रवाह के प्रति समर्पण का सायास आयोजन है । जन्मदिन मनाने से भी आगे जा कर उन पूर्वजों को अमरत्व प्रदान करना है जिनके कारण हमारा अस्तित्त्व इस धरा पर है। एक बहुत ही प्राचीन भारतीय विचार है, मनुष्य अपने जीवनकाल में तीन जन्म लेता है, पहला माँ के गर्भ से, दूसरा शिक्षा प्राप्ति हेतु गुरु के निकट जाने पर जिसे कि अलङ्कारिक रूप में कहा गया कि श्रीगणेश के समय वह शिष्य को अपने गर्भ में तीन दिन रखता है एवं तीसरा जो कि सबसे गहन है, तब होता है जब शरीर मरती है ।

अश्वनी कुमार तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, बिहार,  03 अक्टूबर:

इस विचार के आलोक में श्राद्धपक्ष को देखें, श्रद्धा आयोजन का महत्त्व समझ में आ जायेगा।

‘श्रद्धा’ शब्द ‘श्रत्’ या ‘श्रद्’ शब्द से ‘अङ्’ प्रत्यय होने पर बनता है, जिसका अर्थ है- ‘आस्तिक बुद्धि। ‘सत्य धीयते यस्याम् सा श्रद्धा’ अर्थात् जिसमें सत्य प्रतिष्ठित है वह श्रद्धा है । श्राद्ध श्रद्धा से ही व्युत्पन्न है। संस्कृत श्रत् रोमन मूल के अंग्रेजी शब्द Heart के मूल में है जिसमें निष्ठा एवं श्रद्धा का शालग्राम निहित है, कहते हैं न by heart !  

मनुष्य एक स्मृतिजीवी प्राणी है। स्मृतियों को ले कर जाने कितनी कलाकृतियाँ, साहित्य, गीत, समर्पण आदि नित्य सृजित किये जाते रहे हैं, जायेंगे । शरीर ‘शॄ-ईरन्’ के मूल में शॄ है, हिंसा से जुड़ा, क्षरण से जुड़ा। युवा होता पिण्ड विस्तार लेता है, देह (दिह्-घञ्) कहलाता है, वृद्धि करता है। एक निश्चित समय के पश्चात वह छीजने लगता है, शरीर हो जाता है।   एक दिन शरीर नहीं रहती , स्मृतियाँ रह जाती हैं ।

देखें तो स्मृति (स्मृ-क्तिन्) मरण के शाश्वत सत्य के बीच अमरता का बीज है जिसे मनुष्य विविध आयोजनों से सायास बनाये रखता है । सनातन प्रज्ञा सुकर्मों पर केंद्रित है क्यों कि उनसे स्मृति का शुभ्र पक्ष बढ़ता है । ‘मृत व्यक्ति के बारे में बुरा नहीं कहते’ इस कथन के पीछे एक सूक्ष्म मनोविज्ञान है कि हम मृत की स्मृति में कभी उसकी बुराइयाँ नहीं दुहराते । ‘सत्य शिवम् सुन्‍दरम्’ की अवधारणा के नेपथ्य में एक स्वस्थ, सुन्दर, चिरजीवी समाज का स्वप्न है जिसकी स्मृतियों में शुभ्रता का साम्राज्य रहे ।

हमारे बीच साक्षात सदेह रह कर गये पितर यहीं महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं। वे देवताओं की भाँति दुर्लभ नहीं, कभी सहज सुलभ रहे होते हैं । देवस्तोत्रों की तुलना में महान कर्म करने वाले पूर्वजों की स्मृतियों के माध्यम से हम वरेण्य व्यवहार के निकट अधिक सरलता से पहुँच सकते हैं । इस कारण ही पितरों को देवतुल्य माना गया है। संसार की समस्त प्राचीन सभ्यताओं में पितरों के प्रति श्रद्धा का भाव अभिव्यक्त हुआ है । सनातन में प्रत्येक वर्ष का एक पक्ष पितरों के श्राद्ध हेतु निश्चित है, आश्विन(पूर्णिमान्‍त) माह का यह कृष्ण पक्ष वही है। पूर्णिमा तिथि वाले एक दिन पूर्व की भाद्रपद पूर्णिमा को भी सम्मिलित कर लेते हैं।

देखें तो स्मृतियों को जीना मरण या नश्वरता के विरुद्ध जीवन अभियान है। वैदिक संहिताओं से ले कर आख्यानों तक, पुराणों तक अमरत्व की इच्छा, साधना, व्यवस्थायें विविध रूपों में अभिव्यक्त हुई हैं । देवताओं के समान्‍तर पितरों का अस्तित्त्व वृत्तीय सममिति में बना ही रहता है मानों ‘यिन यान’ हो ।

दिन देव, रात पितर; शुक्ल देव, कृष्ण पितर; उत्तरायण देव, दक्षिणायन पितर; देवयान पितृयान … सन्‍तुलित श्रद्धा के बहुआयामी विवरण विविध स्रोतों में मिलते हैं। भक्तिपूरित देव आराधना में कर्मकाण्ड पीछे छूट जाते हैं तो पितरों हेतु यहाँ तक कहा गया है कि कुछ न मिले, मन्‍त्र न पता हों तो श्रद्धा के साथ जलाञ्जलि ही पर्याप्त है।

#पितृपक्ष और #नवरात्र की संधिकाल को महालया कहा जाता है इस समय मां दुर्गा के घर आगमन के लिए पूजा की जाती है और पितरों को जल देकर प्रार्थना और नमन करते हैं कि आपअपनेलोकमेंप्रसन्नरहें और अपने परिवारजन पर हमेशा कृपा दृष्टि बनाए रखें| महालया अमावस्या की सुबह को पितर पृथ्वीलोक से विदाई लेते हैं और शाम के समय मां दुर्गा अपनी योगनियां और पुत्र गणेश,कार्तिकेय के साथ पृथ्वी पर पधारती हैं अर्थात महालया के दिन पितृपक्ष समाप्त होता है और इसी दिन से देवीपक्ष की शुरुआत हो जाती है| मान्यता है कि पृथ्वीलोक देवी पार्वती का मायका है और नवरात्रि के नौ दिनों में पृथ्वी पर रहते हुए लोगों की कठिनाइयों को दूर करती हैं |इसलिए इस दिन से माँ की आराधना विशेष रूप से की जाती है।

#महालया- नवरात्र को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इसकी शुरुआत महालया से होती है । महालया नवरात्र या दुर्गा पूजा से एक पहले दिन को होता है। इसमें मां दुर्गा की पूजा की जाती है और उनसे प्रार्थना की जाती है की वो धरती पर आए और अपने भक्तों को आशीर्वाद दें।

* महालया त्योहार ज्यादातर बंगालियों द्वारा मनाया जाता है। इसमें मां दुर्गा को उनके भक्तों की महिसासुर से रक्षा करने के लिए बुलाया जाता है। ये अमावस्या की काली रात को मनाया जाता है और भक्त मां से धरती पर आने की प्रार्थना करते हैं।महालया के दिन मां की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार, मां दुर्गा की आंखों को बनाते हैं जिसे चक्षुदान भी कहते हैं ।

* महालया के अगले दिन से मां दुर्गा के नौ दिनों की पूजा के लिए कलश स्थापना की जाती है इसके साथ ही देवी के नौ रूपों की पूजा के साथ नवरात्रि की पूजा शुरू हो जाती है।

Rashifal

राशिफल, 03 अक्टूबर 2024

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, 03 अक्टूबर 2024

aries
मेष/Aries

03 अक्टूबर :

अपनी भावनाओं पर, ख़ास तौर पर ग़ुस्से पर, क़ाबू रखें। जिन लोगों ने किसी अनजान शख्स की सलाह पर कहीं निवेश किया था आज उन्हें उस निवेश से फायदा होने की पूरी संभावना है। जब निवेश करने का सवाल आपके सामने हो, तो स्वतन्त्र बनें और अपने फ़ैसले ख़ुद लें। प्यार का जज़्बा अनुभव के परे है, लेकिन आज आप प्यार की इस मदहोशी की कुछ झलक पा सकेंगे। बड़े व्यापारिक लेन-देन करते वक़्त अपनी भावनाओं पर क़ाबू रखें। आज समय की नजाकत को देखते हुए आप अपने लिए समय निकाल सकते हैं लेकिन ऑफिस के किसी काम के अचानक आ जाने के कारण आप ऐसा करने में सफल नहीं हो पाएँगे। वैवाहिक जीवन के कई फ़ायदे भी होते हैं और आप उन्हें आज हासिल कर सकते हैं।

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वृष/Taurus

03 अक्टूबर :

आपको आज महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे, जिसके चलते आपको तनाव और बेचैनी का सामना करना पड़ सकता है। आप उन योजनाओं में निवेश करने से पहले दो बार सोचें जो आज आपके सामने आयी हैं। आपका ज्ञान और हास-परिहास आपके चारों ओर लोगों को प्रभावित करेगा। आपका प्रिय आज कुछ खीझा हुआ महसूस कर सकता है, जो आपके दिमाग़ पर दबाव और बढ़ा देगा। बेहतर कामकाज के चलते आपको तारीफ़ मिल सकती है। यात्रा करना फ़ायदेमंद लेकिन महंगा साबित होगा। जीवनसाथी के किसी अचानक काम की वजह से आपकी योजनाएँ बिगड़ सकती हैं। लेकिन फिर आपको महसूस होगा कि जो होता है अच्छे के लिए ही होता है।

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03 अक्टूबर :

मिथुन/Gemini

आज आपका स्वास्थ्य दुरुस्त रहने की पूरी उम्मीद है। अपने अच्छे स्वास्थ्य के चलते आज आप अपने दोस्तों के साथ खेलने का प्लान बना सकते हैं। बिना किसी की मदद के भी आप धन कमा पाने में सक्षम हो सकते हैं बस आपको खुद पर विश्वास करने की जरुरत है। नयी चीज़ों पर ध्यान लगाएँ और अपने सबसे अच्छे दोस्त की मदद लें। आप और आपका महबूब आज प्यार के समुन्दर में गोते लगाएंगे और प्यार की मदहोशी को महसूस करेंगे। आज कार्यालय में आपको कुछ अच्छा समाचार सुनने को मिल सकता है। इस राशि वालों को आज खुद के लिए काफी समय मिलेगा। इस समय का उपयोग आप अपने शोकों को पूरा करने में कर सकते हैं। आप कोई किताब पढ़ सकते हैं या अपना पसंदीदा म्यूजिक सुन सकते हैं। आपके और आपके जीवन साथी के बीच विश्वास की कमी रह सकती है। जिससे आज वैवाहिक जीवन में तनाव हो सकता है।

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कर्क/Cancer

03 अक्टूबर :

अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें, जो आध्यात्मिक जीवन के लिए आवश्यक है। मस्तिष्क जीवन का द्वार है, क्योंकि अच्छा-बुरा सब-कुछ इसी के माध्यम से आता है। यही ज़िंदगी की समस्याएँ दूर करने में सहायक सिद्ध होता है और सही सोच से इंसान को आलोकित करता है। हालाँकि धन आपकी मुट्ठियों से आसानी से सरक जाएगा, लेकिन आपके अच्छे सितारे तंगी नहीं आने देंगे। आपकी भरपूर ऊर्जा और ज़बरदस्त उत्साह सकारात्मक परिणाम लाएंगे व घरेलू तनाव दूर करने में मददगार रहेंगे। रोमांस आपके दिल-दिमाग़ पर छाया रहेगा, क्योंकि आज आपकी मुलाक़ात अपने प्रिय से होगी। अगर आप सही लोगों को अपनी क्षमताएँ और प्रतिभा दिखाएंगे, तो जल्दी ही लोगों की निगाहों में आपकी नयी और बेहतर छवि होगी। जो चीजें आपके लिए आवश्यक नहीं हैं उनपर आज अपना अधिकतर समय आप जाया कर सकते हैं। आप और आपका जीवनसाथी मिलकर वैवाहिक जीवन की बेहतरीन यादें रचेंगे।

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Leo
सिंह/Leo

03 अक्टूबर :

अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपके माता पिता आपकी फिजूलखर्ची को देखकर आज चिंतित हो सकते हैं और इसलिए आपको उनके गुस्से का शिकार भी होना पड़ सकता है। पढ़ाई की क़ीमत पर घर से ज़्यादा देर तक बाहर रहना आपको माता-पिता के ग़ुस्से का शिकार बना सकता है। करिअर के लिए योजना बनाना उतना ही आवश्यक है, जितना कि खेलना-कूदना। इसलिए माता-पिता को ख़ुश करने के लिए दोनों में संतुलन बनाना ज़रूरी है। आपका प्यार न सिर्फ़ परवान चढ़ेगा, बल्कि नई ऊँचाइयों को भी छूएगा। दिन की शुरुआत प्रिय की मुस्कान से होगी और रात उसके सपनों में ढलेगी। दिन की शुरुआत से अन्त तक आप ख़ुद को ऊर्जा से लबरेज़ महसूस करेंगे। जीवन की आपाधापी के बीच आज आप अपने बच्चों के लिए वक्त निकालेंगे। उनके साथ वक्त गुजार के आपको महसूस हो सकता है कि आपने जीवन के कई जरुरी पल गवां दिए हैं। आपका अपने जीवनसाथी के साथ तनावपूर्ण संबंध रह सकता है। जहां तक सम्भव हो बात को बढ़ने न दें।

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कन्या/Virgo

03 अक्टूबर :

उम्रदराज़ लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखने की ज़रूरत है। आज के दिन धन हानि होने की संभावना है इसलिए लेन-देन से जुड़े मामलों में जितना आप सतर्क रहेंगे उतना ही आपके लिए अच्छा रहेगा। आज का दिन मज़े करने के लिहाज़ से बढ़िया है, इसलिए अपनी पसंदीदा चीज़ों और काम का लुत्फ़ उठाएँ। दोस्ती में प्रगाढ़ता के चलते रोमांस का फूल खिल सकता है। अगर आपको लगता है कि आप दूसरों की मदद के बिना महत्वपूर्ण कामों को कर सकते हैं, तो आपकी सोच काफ़ी ग़लत है। अपने घर में बिखरी चीजों को संभालने का आज आप प्लान करेंगे लेकिन आपको इसके लिए आज खाली समय नहीं मिल पाएगा। कोई पुराना दोस्त आपके और आपके जीवनसाथी की साझा यादों को तरोताज़ा कर सकता है।

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Libra
तुला/Libra

03 अक्टूबर:

बच्चों के साथ खेलना बहुत अच्छा और सुकून देने वाला अनुभव रहेगा। आज आपको बेवजह पैसा खर्च करने से खुद को रोकना चाहिए नहीं तो जरुरत के समय आपके पास पैसे की कमी हो सकती है। सही समय पर आपकी सहायता किसी को बड़ी परेशानी से बचा सकती है। किसीकी दख़लअंदाज़ी के चलते आपके और आपके प्रिय के रिश्ते में दूरियाँ आ सकती हैं। दफ़्तर में आप तारीफ़ पाएंगे। आपको याद रखने की ज़रूरत है कि भगवान उसी की मदद करता है, जो ख़ुद अपनी मदद करता है। जीवनसाथी का आत्मकेन्द्रित व्यवहार आपको नागवार गुज़रेगा।

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वृश्चिक/Scorpio

03 अक्टूबर:

दिन फ़ायदेमन्द साबित होगा और आप किसी पुरानी बीमारी में काफ़ी आराम महसूस करेंगे। इस राशि के विवाहित जातकों को आज ससुराल पक्ष से धन लाभ होने की संभावना है। कुछ दिनों से आपका व्यक्तिगत जीवन ही आपके ध्यान का केंद्र रहा है। लेकिन आज आप सामाजिक कार्यों पर ज़्यादा ध्यान देंगे और ज़रूरतमंदों की मदद करने की कोशिश करेंगे। अगर आप खुले दिल से अपनी बात रखें, तो आपकी मोहब्बत आज आपके सामने प्यार के फ़रिश्ते के रूप में आएगी। दिवास्वप्नों में समय खपाना नुक़सानदेह रहेगा, इस मुग़ालते में न रहें कि दूसरे आपका काम करेंगे। अपने किस मित्र के साथ आज समय बिता सकते हैं लेकिन इस दौरान आप शराब का सेवन करने से बचना चाहिए नहीं तो समय की बर्बादी हो सकती है। आपका जीवनसाथी आपको प्यार का एहसास देना चाहता है, उसकी मदद करें।

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03 अक्टूबर:

धनु/Sagittarius

बेहतर ज़िन्दगी के लिए अपनी सेहत और व्यक्तित्व में सुधार लाने कि कोशिश करें। आपकी कोई पुरानी बीमारी आज आपको परेशान कर सकती है जिसकी वजह से आपको हॉस्पिटल भी जाना पड़ सकता है और आपका काफी धन भी खर्च हो सकता है। दोस्तों को अपने उदार स्वभाव का ग़लत फ़ायदा न उठाने दें। प्यार के नज़रिए से देखें तो आज आप जीवन के रस का भरपूर आनन्द लेने में सफल रहेंगे। आपका आत्मविश्वास आपकी पेशेवर ज़िंदगी में ख़ास असर छोड़ेगा। यह दूसरों को आपका नज़रिया समझाने और उनकी मदद हासिल करने में कारगर रहेगा। किसी नये काम के आगाज के लिए आपको पहले उसके बारे में अनुभवी लोगों से बात करनी चाहिए। अगर आज आपके पास समय है तो उस क्षेत्र के अनुभवी लोगों से मिल लें जो काम आप शुरु करने वाले हैं। विवाह के बाद कई बातें ज़रूरत से आगे बढ़कर अनिवार्य हो जाती हैं। आज ऐसी ही कुछ बातें आपको व्यस्त रख सकती हैं।

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03 अक्टूबर:

मकर/Capricorn

आपकी सेहत ठीक रहेगी, लेकिन यात्रा आपके लिए थकाऊ और तनावपूर्ण साबित हो सकती है। पैसों की कमी आज घर में कलह की वजह बन सकती है, ऐसी स्थिति में अपने घर के लोगों से सोच-समझकर बात करें और उनसे सलाह लें। माता-पिता की तबियत में सुधार होगा और वे अपना प्यार आपके ऊपर बरसाएंगे। शाम के लिए कोई ख़ास योजना बनाएँ और कोशिश करें कि यह ज़्यादा-से-ज़्यादा रुमानी हो। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि हो रहा है और तरक़्की साफ़ नज़र आ रही है। आपके घर वाले आज आपसे कई परेशानियां शेयर करेंगे लेकिन आप अपनी ही धुन में मस्त रहेंगे और खाली समय में कुछ ऐसा करेंगे जो करना आपको पसंद है। यह समय जीवन में आपको वैवाहिक जीवन का भरपूर आनन्द देगा।

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03 अक्टूबर:

कुम्भ/Aquarius

दिन फ़ायदेमन्द साबित होगा और आप किसी पुरानी बीमारी में काफ़ी आराम महसूस करेंगे। आपकी लगन और मेहनत पर लोग ग़ौर करेंगे और आज इसके चलते आपको कुछ वित्तीय लाभ मिल सकता है। आपको अपना बाक़ी वक़्त बच्चों के संग गुज़ारना चाहिए, चाहे इसके लिए आपको कुछ ख़ास ही क्यों न करना पड़े। प्रेमी को आज आपकी कोई बात चुभ सकती है। वो आपसे रुठें इससे ही पहले ही अपनी गलती का अहसास कर लें और उन्हें मना लें। इस राशि के कारोबारियों को आज कारोबार के सिलसिले में अनचाही यात्रा करनी पड़ सकती है। यह यात्रा आपको मानसिक तनाव दे सकती है। नौकरी पेशा लोगों को आज ऑफिस में इधर-उधर की बातें करने से बचना चाहिए। आज आप ख़ुद को लोगों के ध्यान के केंद्र में पाएंगे, जब कोई आपके सहयोग की वजह से पुरस्कृत होगा या सराहा जाएगा। जीवन साथी की किसी बात को गंभीरता से न लेने की स्थिति में विवाद हो सकता है।

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03 अक्टूबर :

मीन/Pisces

बेकार का तनाव और चिंताएँ ज़िंदगी का रस निचोड़कर आपको पूरी तरह चूस सकती हैं। भलाई इसी में है कि इन आदतों को छोड़ दें, नहीं तो इनसे केवल आपकी परेशानियों में बढ़ोतरी ही होगी। रात के समय आप आज आपको धन लाभ होने की पूरी संभावना है क्योंकि आपके द्वारा दिया गया धन आज आपको वापस मिल सकता है। जिन लोगों से आपकी मुलाक़ात कभी-कभी ही होती है, उनसे बातचीत और संपर्क करने के लिए अच्छा दिन है। कई लोगों के लिए आज की रोमांटिक शाम ख़ूबसूरत तोहफ़ों और फूलों से भरपूर रहेगी। आज आपके पास अपनी धनार्जन की क्षमता को बढ़ाने के लिए ताक़त और समझ दोनों ही होंगे। इस राशि के छात्र-छात्राएं आज अपने कीमती समय का दुरुपयोग कर सकते हैं। आप मोबाइल या टीवी पर आवश्यकता से अधिक समय जाया कर सकते हैं। आपको और आपके जीवनसाथी को कोई बहुत सुखद ख़बर सुनने को मिल सकती है।

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पंचांग, 03 अक्टूबर 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 03 अक्टूबर 2024

नोटः आज शरद नवरात्रि प्रारम्भ तथा घटस्थापन और मातामह (नाना/नानी) का श्राद्ध और महाराजा अग्रसेन जयंती है। तथा वक्री शनि शतभिषा में।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः आश्विनी़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः प्रतिपदा रात्रि काल 02.59 तक है, 

वारः गुरूवार।

नोटः आज दक्षिण की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः हस्त अपराहन् काल 03.32 तक है, योग ऐन्द्र रात्रिः काल 04.24 तक है, 

करणः किंस्तुघ्न, 

सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः कन्या, 

राहू कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,

सूर्योदयः 06.19, सूर्यास्तः 06.01 बजे।