Monday, December 30

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 01 अक्टूबर 2024

टः आज चतुर्दशी का श्राद्ध है। (विष एवं दुर्घटना मे मृत लोगों) यानी अपमृत्यु से मृत हुए लोगों का श्राद्ध किया जाएगा।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः आश्विनी़ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः चतुर्दशा रात्रि काल 09.40 तक है, 

वारः मंगलवार।  

नोटः आज उत्तर की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पूर्वाफाल्गुनी की (वृद्धि है) जो कि मंगलवार को प्रातः काल 09.16 तक है, योग शुक्ल रात्रिः काल 02.17 तक है, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः सिंह, 

राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.18, सूर्यास्तः 06.03 बजे।