17वें ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट 2024 का शुभारंभ
17वें ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट 2024 का शुभारंभ युवा शक्ति का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी के साथ करें, के नारे के साथ हुआ
चंडीगढ़, 30 सितंबर 2024:
आज चंडीगढ़ प्रशासन में वित्त एवं पर्यटन सचिव सुश्री हरगुनजीत कौर, आईएएस द्वारा सेक्टर 42 स्थित चंडीगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट में 17वें ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट 2024 का उद्घाटन किया गया। जिसमें अमेरिका, स्पेन, नीदरलैंड, बुल्गारिया, रोमानिया, मिस्र, मॉरीशस, मलेशिया, नेपाल, भारत जैसे देशों से लोग भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोगों में चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो वाइस चांसलर डॉ. मधु चितकारा, युवसत्ता के फाउंडर प्रमोद शर्मा और सीआईएचएम, चंडीगढ़ के प्रिंसिपल विशाल कालिया शामिल थे।
उद्घाटन सत्र में आईएएस हरगुनजीत कौर ने दस अलग-अलग देशों के बारह युवा नेताओं को जीवाईपीएफ 2024 युथ लीडरशिप अवॉर्ड से सम्मानित किया। इनमें चंडीगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल विशाल कालिया, स्पेन के ओपन यूरोप विभाग की जूलिया विलाफ्रेंका, अमेरिका के हेलेन वुडवर्ड एनिमल सेंटर की जैकलीन केल्हेर और हेली ब्लेक, मलेशिया के सेपुतेह हिंदू युवा आर्गेनाईजेशन के प्रवीण और डॉ. लोशसेनी, चेन्नई के वेलम्मल ग्रुप ऑफ स्कूल्स की वाइस प्रिंसिपल हेमलता श्री, मॉरीशस के ग्रैंड रिवर साउथ ईस्ट यूथ सर्कल के अध्यक्ष चंद्रवीर लछमुन, मॉरीशस के नेशनल यूथ काउंसिल की अंशिका रामदीन और नेमराज डूमकी, पंजाब के चितकारा यूनिवर्सिटी की डीन डॉ. संगीता पंत, नेपाल के सेंटर फॉर सोशल चेंज के पवन रॉय, तमिलनाडु के एकता परिषद के अजीत राजगोपाल और महाराष्ट्र के बॉम्बे सर्वोदय मंडल के लक्ष्मण गोले शामिल थे।
इस पूरे प्रयास के पीछे के विचार को साझा करते हुए, युवसत्ता के फाउंडर प्रमोद शर्मा ने कहा कि आज दुनिया इतिहास में युवा पीढ़ी आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं। ऐसे में, युवा सशक्तिकरण विश्व में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है, जिसे कोई भी सरकारी या गैर-सरकारी संगठन नहीं कर सकता। वार्षिक ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट युवाओं को लेट्स डू मोर और लीव नो वन बिहाइंड’ के नारों के साथ नेटवर्क और साथ मिलकर काम करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
आज, स्पेन, अमेरिका और बुल्गारिया के संसाधन व्यक्तियों के साथ लैंगिक समानता, अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी और युवाओं और अन्य लोगों के लिए मानव शिक्षा पर सत्र आयोजित किए गए। आज कार्यक्रम का समापन सीआईएचएम के छात्रों द्वारा रंगारंग ‘हिमाचल प्रदेश के नाटी-लोक नृत्य’ के साथ हुआ, जिसमें विदेशी प्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। बाद में वे सभी सुखना झील पर प्रकृति की सैर और फुरसत के पल बिताने गए।
इस पूरे प्रयास की सराहना करते हुए आईएएस हरगुनजीत कौर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने से हमारे भारतीय युवा भी एक अद्वितीय शैक्षिक और आतिथ्य अनुभव प्राप्त करते हैं। डॉ मधु चितकारा ने स्थानीय स्तर पर बदलाव लाने और बेहतर और अधिक मानवीय दुनिया के लिए वैश्विक सोच रखने के लिए गो ग्लोकल का नारा दिया।