पंचांग 25 सितम्बर 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 25 सितम्बर 2024

नोटः आज सौभाग्यवती नाम श्राद्ध तथा नवमी का श्रद्धा एवं जीवित्पुत्रिका व्रत

जीवित्पुत्रिका व्रत

पंचांग के अनुसार आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन माताएं अपने पुत्र के दीर्घायु के लिए पुरे दिन निर्जला उपवास रहकर संध्या काल में जीमूतवाहन का पूजन करती है.यह व्रत सप्तमी से आरम्भ होता है और नवमी तिथि तक व्रत चलता है.इस व्रत को करने का मुख्य कारण होता है.संतान की दीर्घायु होने की के लिए किया जाता है.

विक्रमी संवत्ः 2081, शक संवत्ः 1946, मासः  आश्विनी़ पक्षः  कृष्ण, तिथिः  अष्टमी दोपहर काल 12.11 तक है, वारः बुधवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः  आर्द्रा रात्रि काल 10.24 तक है, योग वरीयाऩ रात्रिः काल 12.18 तक है, करणः कौलव, 

सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः मिथुन, 

राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

सूर्योदयः 06.15, सूर्यास्तः 06.10 बजे।