पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 21 सितम्बर 2024
नोटः आज श्री गणेश चतुर्थी व्रत तथा चतुर्थी का श्राद्ध है।
पंचांग 21 सितम्बर 2024
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः आश्विनी़
पक्षः कृष्ण,
तिथिः चतुर्थी रात्रि काल 06.14 तक है,
वारः शनिवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः भरणी रात्रि काल 12.36 तक है, योग व्याघात़ प्रातः काल 11.36 तक है,
करणः बव,
सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः मेष,
राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.13, सूर्यास्तः 06.16 बजे।