- विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने साथियों सहित भगवान वामन के आगे शीश नवाया
- ‘वीरेश शांडिल्य ने वामन भगवान के दर्शनों के बाद देश व विश्व में बैठे सनातनियों से आहवान किया कि शास्त्र नहीं पढ़ोगे तो अपनी संस्कृति व धर्म खो दोगे और यदि जरूरत पड़ने पर शस्त्र नहीं उठाओगे तो अपना राष्ट्र खो दोगे
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 14 सितंबर :
विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख एवं ब्राह्मण महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने आज भगवान वामन के समक्ष शीश नवाकर आशीर्वाद लिया। इस मौके पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन, समाज सेवी सुदेश जैन मिट्ठा, अनिल गोयल पानीपतिया, व्यापार मंडल के वरिष्ठ नेता मनोज गोयल, संजीव सेठ, ईशू गोयल, सुरेंद्र पाल केके, बाल कृष्ण बाली सहित भारी तादाद में विश्व हिन्दू तख्त के पदाधिकारी मौजूद थे। वीरेश शांडिल्य ने सनातन धर्म के सम्मान का प्रतिक मेला वामन द्वादसी बारे बताया कि यह ऐतिहासिक मेला है इस मेला का इतिहास सैंकड़ों वर्ष पुराना है। उन्होंने आज भगवान वामन के समक्ष सनातन को मजबूत करने का संकल्प लिया। समाज में भाईचारा मजबूत करने का संकल्प लिया और दुआ की कि अंबाला सहित देश में अमन शांति रहे और भगवान वामन हर हाथ को काम, हर पेट को रोटी, हर सिर को छत दें। वीरेश शांडिल्य के पुरानी अनाज मंडी पहुंचने पर उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। और कहा कि यह मेला सनातन के सम्मान का प्रतीक है और इस मेले में अंबाला जिला के हर छोटे बड़े व बुजुर्ग बच्चे को भगवान वामन का आशीर्वाद लेने के लिए आना चाहिए ताकि सनातन संस्कृति मजबूत हो और सनातन संस्कृति में कुरीतियां न फैलें। भगवान वामन के समक्ष शीश नवाने के बाद विश्व हिन्दु तख्त के अंतरराष्ट्रीय प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सनातन धर्म को मजबूत बनाने के लिए हमें संगठित होना होगा।
वीरेश शांडिल्य ने वामन भगवान के दर्शनों के बाद देश व विश्व में बैठे सनातनियों से आहवान किया कि शास्त्र नहीं पढ़ोगे तो अपनी संस्कृति व धर्म खो दोगे और यदि जरूरत पड़ने पर शस्त्र नहीं उठाओगे तो अपना राष्ट्र खो दोगे। वीरेश शांडिल्य का ब्राहामणों ने सम्मान किया और उन्हें सनातन धर्म मजबूत करने व देश में आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने पर साधुवाद दिया और कहा कि आज वीरेश शांडिल्य भगत सिंह, उधम सिंह, असफाक उल्ला खान, मदन लाल ढींगरा, सुखदेव सिंह, राजगुरू की तरह जान हथेली पर रखकर राष्ट्र को मजबूत करने का अभियान छेड़े हुए हैं। वीरेश शांडिल्य ने पत्रकारों से कहा कि आज उन्होंने वामन भगवान के समक्ष शीश नवाकर सरबत के भले की मांग की और दुआ की कि इस दुनिया में कोई भी ईलाज के अभाव से न मरे, भूख से ना मरे, नशा समाज से खत्म हो साथ ही वीरेश शांडिल्य ने भारत व भारत से बाहर बैठे सनातनियों से आहवान किया कि माथे पर तिलक लगाएं, जनेऊ डाले, नित नियम अपने इष्ट देवताओं के मंदिर जाएं, घंटी बजाएं इससे पूरे देश में सकारात्मकता आएगी और सनातन धर्म मजबूत होगा।