Monday, December 23

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 09 सितम्बर 2024

नोटः आज सूर्य षष्ठी व्रत है। सूर्य षष्ठी व्रत में 3 दिन के कठोर उपवास का विधान है। व्रत को करने वाले व्रति पंचमी के दिन सिर्फ एक बार नमक रहित भोजन करती हैं और षष्ठी को निर्जला अर्थात बिना जल के रहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सूर्य षष्ठी को अस्त होते सूर्य को विधि पूर्वक पूजा करके अर्घ्य दिया जाता है। इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है और संतान को दीर्घायु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से पूरे परिवार को धन-धान्य, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से मृत्यु के बाद परम सत्य की प्राप्ति होती है।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः  भाद्रपद़ 

पक्षः  शुक्ल, 

तिथिः  षष्ठी रात्रि काल 09.54 तक है, 

वारः सोमवार।

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः  विशाखा सांय काल 06.04 तक है, योग वैधृति रात्रि काल 12.32 तक है, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः सिंह, चन्द्र राशिः तुला, 

राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,

सूर्योदयः 06.07, सूर्यास्तः 06.29 बजे।