Wednesday, September 17

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 03 सितम्बर 2024

नोटः भाद्रपद अमावस स्नान दानादि एवं भौमवती अमावस। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है और मंगलवार के दिन जो अमावस्या पड़ रही है उसे भौमवती अमावस्या कहते हैं। मान्यतानुसार अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। जो लोग किसी नदी के पास नहीं रहते हैं वे इस दिन पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः  भाद्रपद़ 

पक्षः  कृष्ण, 

तिथिः  अमावस की (वृद्धि है) जो कि मंगलवार को प्रातः काल 07.26 तक है, 

वारः मंगलवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः  पूर्वाफाल्गुनी रात्रि काल 03.11 तक, योग सिद्धि सांय काल 07.05 तक है, 

करणः नाग, 

सूर्य राशिः सिंह, चन्द्र राशिः सिंह, 

राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक

सूर्योदयः 06.04, सूर्यास्तः 06.36 बजे।