एस.सी. समाज को सांझा संघर्ष चलाने की ज़रूरत : बेगमपुरा टाईगर फोर्स

  • संविधानिक हकों की प्राप्ति के लिए एस.सी. समाज को सांझा संघर्ष चलाने की ज़रूरतः बेगमपुरा टाईगर फोर्स
  • बड़े-बड़े आन्दोलन चलाने के लिए संघर्ष हमेशा झोंपड़ पट्टियों में से ही निकलते हैः पंजाब प्रधान बीरपाल ठरोली

तरसेम दीवाना, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हुशियारपुर, 31     अगस्त :

बेगमपुरा टाईगर फोर्स के राष्ट्रीय चेयरमैन तरसेम दीवाना तथा राष्ट्रीय प्रधान धर्मपाल साहनेवाल के दिशा निर्देशानुसार फोर्स की एक मीटिंग फोर्स के मुख्य कार्यालय मुहल्ला भगत नगर होशियारपुर में फोर्स के ज़िला प्रधान हैप्पी फतेहगढ़ की अध्यक्षता में हुई। मीटिंग में दिलेर तथा जांबाज़ प्रदेशाध्यक्ष बीरपाल ठरोली तथा सीनियर उप-प्रधान सतीश शेरगढ़ विशेष तौर पर उपस्थित हुये। मीटिंग में बोलते हुये नेताओं ने कहा कि भारत का 85फीसदी एस.सी समाज सदियों से हज़ारों ही जातियों में बंटा हुआ है। इस कारण कौम के महान रहबरों बाबू मंगू राम मुगोवालिया, महात्मा जोतिबा फूले, बाबा साहिब डॉ.भीम राव अम्बेडकर, बाबा कांशी राम की ओर से समय समय पर शुरू किये आन्दोलन मंज़िल पर पहुंचने से पहले ही बिखरते रहे।

उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह या शक नही है कि कौम के रहबरों की ओर से चलाये बड़े-बड़े संघर्षों को खेरू खेरू करने के लिए अपने ही समाज के कुछ लालची तथा स्वार्थी लोगों को बड़़ा योगदान रहा है पर आज भी समाज के हितों के लिए लड़ने वाले पढ़े लिखे बुद्धीजीवि योद्धे अपना फर्ज़ निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला समय एस.सी.समाज के लिए बहुत ही ज्यादा चुनौतियों से भरा होगा, बच्चों की प्रारंभिक पढ़ाई से लेकर उच्च शिक्षा तक को छीनने के प्रबन्ध किये जा रहे हैं जिसके लिए सभी एस.सी. समाज को एक प्लेटफार्म पर इक्ट्ठे होकर संविधानिक अधिकारों की प्राप्ति तथा संविधान की रक्षा के लिए एक संयुक्त संघर्ष आरंभ करना चाहिये।

आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जो एम.एल.ए, मैंबर पार्लियमैंट या उच्च पदों पर बैठे अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग के मुलाज़मों ने आरक्षण का बार बार लाभ लिया। वो आरक्षण के आन्दोलन के लिए सड़कों पर नही उतरते बल्कि बेरोज़गार नौजवान या दिहाड़ीदार मज़दूर ही सड़कों पर संघर्ष कर रहे है तथा पुलिस की लाठियां खा रहे हैं क्योंकि आन्दोलन चलाने के लिए संघर्ष हमेशा झोंपड़ पट्टियों में से निकलते हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति तथा पिछड़े वर्गों को एक दूसरे का विरोध छोड़कर एक प्लेटफार्म पर इक्ट्ठे होकर समाज के हितों के संयुक्त लड़ाई लड़नी चाहिए तांकि पढ़ाई के साथ साथ नौकरियों में भी आने वाले नसलों को बनता हक मिल सके।

अंत में उन्होंने कहा कि बेगमपुरा टाईगर फोर्स में से निकाले हुये कुछ शरारती तत्व सरकारे दरबारे तथा तथा लोगों को बेगमपुरा टाईगर फोर्स के नाम पर गुमराह कर रहे हैं जबकि बेगमपुरा टाईगर फोर्स एक रजि. जत्थेबन्दी है। इस कारण ऐसे शरारती तत्वों से बचने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इन लोगों का बेगमपुरा टाईगर फोर्स के साथ दूर तक कोई वास्ता नही है।