Thursday, December 26

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 28  अगस्त 2024

नोटः आज सर्वार्थ सिद्धि योग है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, जब किसी खास दिन कोई खास नक्षत्र पड़ता है, तो सर्वार्थ सिद्धि योग बनता है। वार और नक्षत्र के संयोग से यह योग बनता है. ज्योतिष के मुताबिक, सर्वार्थ सिद्धि योग को बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान सभी ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं और व्यक्ति को सफलता दिलाने में मदद करते हैं। इसलिए, इस योग में कोई नया काम शुरू करना या संपत्ति, वाहन आदि खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः भाद्रपद़ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः दशमी रात्रिः काल 01.20 तक है, 

वारः बुधवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः मृगशिरा अपराहन् काल 03.53 तक, 

योग वज्ऱ सांय काल 07.12 तक है, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः सिंह, चन्द्र राशिः मिथुन, 

राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

सूर्योदयः 06.01, सूर्यास्तः 06.43 बजे।