Saturday, December 21

सर्वोच्च नयायालय ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था,  ”सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए – सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज्‍य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।” सर्वोच्च नयायालय ने कोटे में कोटा निर्धारित करने के फैसले के साथ ही राज्यों को जरूरी हिदायत भी दी। कहा कि राज्य सरकारें मनमर्जी से यह फैसला नहीं कर सकतीं।

  1. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की ओर से सर्वोच्च नयायालय के निर्णय का विरोध किया जा रहा है
  2. बसपा और आजाद समाज पार्टी ने दिया है समर्थन
  3. भारत बंद पर सभी प्रकार की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं खुली रहेंगी
  4. भारत बंद के दौरान विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट रहेगा

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 21   अगस्त :

अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सर्वोच्च नयायालय के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न संगठनों ने आज ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। बसपा समेत कई पार्टियां इस बंद का समर्थन कर रही हैं। ऐसे में सवाल ये हैं कि भारत बंद क्यों बुलाया गया है? सर्वोच्च नयायालय का वो कौन-सा फैसला है, जिसका दलित संगठन विरोध कर हैं? दलित संगठनों की क्या मांगे हैं? संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लेटरल एंट्री ( लेटरल एंट्री का मतलब बिना एग्जाम के सीधी भर्ती से है। लेटरल एंट्री के जरिए केंद्र सरकार UPSC के बड़े पदों पर प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स की सीधी भर्ती करती है। इसमें राजस्व, वित्त, आर्थिक, कृषि, शिक्षा जैसे सेक्टर्स में लंबे समय से काम कर रहे लोग शामिल होते हैं। ) क्यों सवालों के घेरे में है? भारत बंद के दौरान क्‍या-क्‍या खुलेगा और क्या बंद रहेगा।

भारत बंद में क्या खुला रहेगा और क्या बंद रहेगा, इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, भारत बंद को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि कुछ जगहों पर सार्वजनिक परिवहन प्रभावित हो सकता है। आपातकालीन सेवाएं जैसे कि अस्पताल, एम्बुलेंस और चिकित्सा सुविधाएं चालू रहेंगी। बैंकों और सरकारी दफ्तरों को बंद करने को लेकर सरकारों की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई है। इसका मतलब है कि ये भी खुले रहेंगे। शिक्षण संस्थान भी खुले रहेंगे। आयोजकों ने लोगों से बड़ी संख्या में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने का आग्रह किया है।

 ‘रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति’ ने आज भारत बंद बुलाया है। आज का भारत बंद सर्वोच्च नयायालय के एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमीलेयर वाले फैसले के खिलाफ है। देशभर के दलित और आदिवासी संगठन हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर आज ‘भारत बंद’ कर रहे हैं। ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है, जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं।

दलित संगठनों ने हाल में सर्वोच्च नयायालय की सात जजों की बेंच द्वारा सुनाए गए फैसले के विरोध में यह बंद बुलाया है। संगठन का मानना है कि यह ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी। एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है।