भाजपा ने महिला पहलवानों समेत तमाम खिलाड़ियों का अपमान : हुड्डा
- ओलंपिक पदक विजेता पहलवान अमन सहरावत ने की भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा से मुलाकात
- हुड्डा ने की अमन सहरावत की सराहना, कहा- अमन ने देश को किया गौरवान्वित
- कांग्रेस सरकार बनने पर खिलाड़ियों के लिए फिर लागू होगी ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति, मिलेगी उच्च पदों पर नियुक्ति : हुड्डा
- कांग्रेस के 750 से ज्यादा खिलाड़ियों को दी थी सरकारी नियुक्तियां, नौकरियों में दिया था 3% खेल कोटा : हुड्डा
- भाजपा ने किया खेल नीति को खत्म, महिला पहलवानों समेत तमाम खिलाड़ियों का अपमान : हुड्डा
- कांग्रेस कार्यकाल में डीएसपी नियुक्त हुए खिलाड़ियों को बीजेपी ने आजतक नहीं दी पदोन्नति : हुड्डा
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 20 अगस्त :
पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर फिर से खिलाड़ियों के लिए ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति को लागू किया जाएगा। साथ ही खिलाड़ियों के लिए फिर से नौकरियों में 3 प्रतिशत कोटा लागू होगा और उन्हें उच्च पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। हुड्डा ने यह बात ओलंपिक पदक विजेता पहलवान अमन सहरावत से मुलाकात के बाद कही। पूर्व सीएम हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अपने आवास पर अमन सहरावत का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि अमन ने पदक जीतकर हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
मुलाकात के बाद हुड्डा ने कहा कि सरकार को खिलाड़ियों को पद, सम्मान और इनाम देने में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। कांग्रेस ने ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति के तहत खिलाड़ियों को डीएसपी जैसे उच्च पदों पर नियुक्तियां दी थीं। लेकिन बीजेपी ने सत्ता में आते ही इस नीति को बंद कर दिया और खिलाड़ियों से उच्च पदों पर नियुक्ति का अधिकार छीन लिया। बीजेपी इस कद्र खिलाड़ियों से भेदभाव कर रही है कि उसने कांग्रेस कार्यकाल में डीएसपी बने खिलाड़ियों को आजतक पदोन्नति नहीं दी।
हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय में 750 से ज्यादा खिलाड़ियों को डीएसपी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और अन्य सरकारी पदों पर नियुक्तियां मिलीं थी। देश में पहली बार खिलाड़ियों को 5 करोड़ रुपये तक के नकद पुरस्कार दिए गए थे। इससे प्रदेश में खेलों के लेकर सकारात्मक माहौल बना था। छोटे-छोटे बच्चे भी मेडल जीतने का सपना देखने लग गए और मां-बाप बच्चों को कहने लगे थे- ‘खेलो-कूदो, मेडल लाओ, सरकार डीएसपी बनावैगी’। इसके चलते हरियाणा खेलों का हब बना और देश को मिलने वाले 40-50% मेडल इस छोटे के राज्य से आने लगे।
लेकिन भाजपा सरकार ने हरियाणा में खेलों को लेकर गंभीर नहीं है। ‘खेलो इंडिया’ के बजट से हरियाणा को मात्र 3 प्रतिशत हिस्सा मिला है। हरियाणा जो ओलंपिक में सबसे ज्यादा पदक लाता है, उसे तो केवल 66 करोड़ मिले, जबकि गुजरात और यूपी को भाजपा सरकार ने 400-500 करोड़ रुपये दिए हैं। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गांवों में सैकड़ों खेल स्टेडियम बनाए गए थे, लेकिन भाजपा ने उनका रख-रखाव तक ढंग से नहीं किया। अंतराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम भी अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। स्कूली स्तर की खेल प्रतियोगिता ‘स्पैट’ को भी बीजेपी ने बंद कर दिया।
बीजेपी ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। न्याय की मांग लेकर धरने पर बैठी महिला पहलवानों को सरकार ने सड़क पर घसीटा और भाजपा के मंत्री पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली कोच को भी सरकार न्याय नहीं दिलवा पाई।
इन तमाम बातों से स्पष्ट है कि भाजपा सरकार हरियाणा के युवाओं को खिलाड़ी नहीं बनाना चाहती। ये सरकार युवाओं को सिर्फ नशेड़ी बनाना चाहती है। इसीलिए खेलों की बजाए सरकार द्वारा नशे को प्रमोट किया जा रहा है। हरेक गली, मोहल्ले व कॉलोनी में शराब के ठेके खोले जा रहे हैं। चिट्टा जैसे सूखे नशे आज गांव-गांव तक पहुंच गए। क्योंकि सरकार नशा कारोबारियों और तस्करों को सरंक्षण दे रही है। लेकिन कांग्रेस सरकार बनने पर इसपर अंकुश लगाया जाएगा। हरियाणा की जवानी को बचाना कांग्रेस का लक्ष्य है।