पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 13 अगस्त 2024
नोटः आज श्री दुर्गाष्टमी व्रत पूजन तथा मेला चिन्तपूर्णी, चामुण्डा देवी (हिमांचल प्रदेश) समाप्त।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः श्रावण़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः अष्टमी प्रातः काल 09.32 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः विशाखा प्रातः काल 10.44 तक,
योग ब्रह्म़ सांय काल 04.33 तक है,
करणः बव,
सूर्य राशिः कर्क, चन्द्र राशिः वृश्चिक,
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.53, सूर्यास्तः 06.59 बजे।