पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 09 अगस्त 2024
नोटः आज नाग पंचमी व्रत है : भविष्य पुराण के ब्रह्मा पर्व में दिए गए नाग पंचमी की कथा के बारे में बताते हैं.। इस पुराण के अनुसार सुमंतु मुनि ने शतानीक राजा को नाग पंचमी की कथा के बारे में बताया है। श्रावण शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन नाग लोक में बहुत बड़ा उत्सव होता है। पंचमी तिथि को जो व्यक्ति नागों को गाय के दूध से स्नान कराता है उसके कुल को सभी नाग अभय दान देते हैं। उसके परिवार जनों को सर्प का भय नहीं रहता है। महाभारत में जन्मेजय के नाग यज्ञ की कहानी है। जिसके अनुसार जन्मेजय के नाग यज्ञ के दौरान बड़े-बड़े विकराल नाग अग्नि में आकर जलने लगे। उस समय आस्तिक नामक ब्राह्मण सर्प यज्ञ रोककर नागों की रक्षा की थी यह पंचमी की तिथि थी।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः श्रावण़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः पंचमी रात्रि काल 03.15 तक है,
वारः शुक्रवार।
नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः हस्त रात्रिः काल 02.54 तक,
योग सिद्धि़ दोपहर काल 01.45 तक है,
करणः बव,
सूर्य राशिः कर्क, चन्द्र राशिः कन्या,
राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.51, सूर्यास्तः 07.02 बजे।