पंचांग, 07 अगस्त 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 07  अगस्त 2024

नोटः मधुस्रवा हरियाली तीज एवं सिंघाड़ा तीज तथा स्वर्णगौरी व्रत।

स्वर्णगौरी व्रत

स्वर्णगौरी व्रत : प्रतिवर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को स्वर्ण गौरी व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 07 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस व्रत में भगवान शिव और देवी माता पार्वती की पूजा की जाती है।

मधुस्रवा हरियाली तीज एवं सिंघाड़ा तीज

मधुस्रवा हरियाली तीज एवं सिंघाड़ा तीज : हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत सावन महीने शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस व्रत को सिंघाड़ा तीज, मधु सर्वा जयंती नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं। इसके साथ ही सोलह श्रृंगार कर खूब सजती-संवरती हैं।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः श्रावण़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः तृतीया रात्रि काल 10.06 तक है, 

वारः बुधवार।

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पूर्वाफाल्गुनी रात्रि काल 08.31 तक, 

योग परिघ़ प्रातः काल 11.41 तक है। 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः कर्क, चन्द्र राशिः सिंह,

 राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

सूर्योदयः 05.50, सूर्यास्तः 07.04 बजे।