सभी एजेंसियां आपसी तालमेल मजबूत कर आतंकी इको – सिस्टम को खत्म करें : शाह
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 31 जुलाई :
भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है। तब से जीरो टॉलरेंस की नीति को आधार बनाकर आतंकियों का चुन-चुनकर सफाया कर रही है। यही वजह है कि आज भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में भी आतंकवादी गतिविधियां न के बराबर रह गई है। जबकि, एक वक्त था जब कांग्रेस राज में भारत के हर हिस्से में आए दिन बम ब्लास्ट, आतंकी वारदात हुआ करती थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और अमित शाह की अभेद्य रणनीतियों के चलते आज संपूर्ण भारत में आतंकवाद दम तोड़ रहा है।
इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में उभरते सुरक्षा खतरे के परिदृश्य से निपटने के लिए आतंकी नेटवर्क और उनके सहायक पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए हैं। जिसमें सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल मजबूत करने और आतंकी इको-सिस्टम को खत्म करने पर जोर दिया है।
इस उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए रणनीतिकार अमित शाह जी ने सुरक्षा एजेंसियों सहित अन्य खुफिया और कानून प्रवर्तन संगठनों को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार का सम्पूर्ण दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने बिग डील और एआई / एमएल संचालित एनालिटिक्स और तकनीकी प्रगति का उपयोग करके आतंकी इकोसिस्टम को खत्म करने की बात पर जोर दिया। जिससे बचे कुचे आतंकवाद पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।
जाहिर है कि, आज आतंकवादी आए दिन नए तौर तरीकों से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं, हमले की घात लगाते हैं। ऐसे में अमित शाह ने कहा कि नई और उभरती सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनज़र हमें इन सबसे एक कदम आगे रहने की जरूरत है। ताकि बचे हुए आतंकवादियों का खात्मा किया जा सके। साथ ही दम तोड़ रहे आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोकी जा सके।
इसी रणनीति का कमाल है कि आज देश के किसी हिस्से में आतंकवाद का भय नहीं है। जिसकी सबसे बड़ी वजह मोदी और शाह के कुशल नेतृत्व में आतंकी इको सिस्टम में आने वाले टेरर फंडिंग पर पूरी तरह से रोक है। जिसने आतंकवादियों के इको सिस्टम को न सिर्फ ध्वस्त किया है। साथ ही उनके अनेकों मनसूबों पर पानी फेरने का काम किया है। यही वजह है कि, आज मोदी जी के नेतृत्व में आतंकवादी घटनाओं में 60 फीसदी की कमी आई है। जबकि सीमा पर घुसपैठ में 42 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है। इसके साथ-साथ नए कानूनों में पहली बार आतंकवाद की व्याख्या की गई है। जिसमें आतंकवाद को रोकने के लिए, आतंकवादियों की मदद करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाए गए हैं।
जाहिर है हमारा भारत लंबे समय से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। ऐसे में मोदी-शाह की कुशल रणनीति से आतंकवाद पर चौतरफा प्रहार अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। क्योंकि मोदी सरकार का मानना है कि, जब तक देश और दुनिया से आतंकवाद खात्मा नहीं होता तब तक शांति, न्याय और भय मुक्त समाज की कल्पना नहीं की जा सकती।