ई-चालान का मैसेज आए तो हो जाएं सावधान : एएसपी मनप्रीत सिंह सूदन

Cyber Crime: ई-चालान का मैसेज आए तो हो जाएं सावधान, न खोलें कोई अनजान लिंक वर्ना खाली हो जाएगा खाता :- एएसपी मनप्रीत सिंह सूदन

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 20   जुलाई :

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्रर शिबास कविराज के मार्गदर्शन में आज साइबर एएसपी मनप्रीत सिंह सूदन नें प्रैस कान्फ्रैंस आयोजित करके सभी मीडिया प्रभारियो को जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधी अलग -2 तरीके अपनाकर लोगो के साथ साइबर ठगी को अन्जाम देते है इसकी तरह आजकल साइबर अपराधियो नें ई-चालान के माध्यम से लोगो को ठगी का अन्जाम दे रहे और हाल फिलहाल में ठगों ने ई- चालान के नाम पर ठगी करके आम लोगों को निशाना बना रहे हैं ऐसे में साइबर अपराधी आपके फोन पर एक टेक्सट मैसेज भेजेंगें जिसमें आपका ओवर स्पीड का चालान हुआ है जिस चालान की राशि को  अदा करनें के लिए तुरन्त इस लिंक पर क्लीक करें ।यदि गलती से आप ने चालन भरने के लिए नकली बेवसाइट पर क्लिक कर दिया तो आप ट्रैफिक ई-चालान को निपटाने की बजाय साइबर अपराधियों को भुगतान कर देते हैं

एएसपी सूदन ने बताया कि साइबर फ्रॉड करने वाले व्यक्ति धोखाधड़ी वाले लिंक या संदेश को कुछ इस तरह लिखा होता है, जैसे “आपका चालान नंबर… वाहन संख्या के लिए है.. जिसकी चालान राशि 500 रुपये है । उन्होंने बताया कि साइबर ठगों द्वारा उक्त ठगी में फर्जी वेबसाइट-https://echallanparivahan.in/ का इस्तेमाल किया जा रहा है,जबकि ट्रैफिक ई-चालान के लिए अधिकारिक https://echallan.parivahan.gov.in/ है ।

उन्होंने बताया कि साइबर फ्रॉड करने वाले आपका विश्वास जीतने के लिए, धोखाधड़ी वाले संदेश को इस तरह से तैयार करते है,जैसे ये वास्तविक हो । एएसपी ने कहा कि किसी भी प्रकार की वित्तीय या ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर 1930 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवाएं। इसके अलावा अपनी शिकायत साइबर क्राइम थाना या आपके संबंधित थाने में स्थापित साइबर हेल्पडेस्क पर दे सकते है ।

इसके अलावा एएसपी नें बताया कि साइबर ठगी में लोग दो तरीके से फसतें एक तो लालच और दुसरा डर इसलिए किसी अन्जान व्यक्ति की बातो में ना आएं और किसी लोभ लालच में फंसकर साइबर ठगी के शिकार ना बनें इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति आपको किसी प्रकार से सोशल मीडिया इत्यादि पर ब्लैकेमल या धमकी देता है तो डरनें की जरुरत नही है और सीधा 1930 पर काल करके अपनी जानकारी दें साइबर पुलिस टीम उस पर कार्रवाई करेगी ।