Thursday, December 26

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 19जुलाई :

राज्यसभा सांसद डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी ने पंजाब के लोगों को समर्पित दो वर्षों की सेवा का विस्तृत रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। उन्होंने पंजाब की प्रगति को बढ़ावा देने में सहकारी संघीय ढांचे और केंद्र-राज्य के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

डॉ. साहनी ने कहा कि पंजाब के सामने आने वाली विभिन्न समस्याएं जैसे बढ़ते कर्ज, बुनियादी ढांचे का विकास, रोजगार सृजन के लिए औद्योगिक परियोजनाएं, फसल विविधीकरण आदि केवल केंद्र के सहयोग से ही हल हो सकती हैं। उन्होंने दोहराया कि केंद्र को पंजाब के लिए भी एक विशेष पैकेज पर विचार करना चाहिए, जैसा कि वे बिहार, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों के लिए विचार कर रहे हैं, क्योंकि पंजाब भी आतंकवाद के मुश्किल दौर से गुजरा है और उसे वित्तीय पुनर्गठन की आवश्यकता है।

 डॉ. साहनी ने अपने पहले दो वर्षों के दौरान हासिल की गई कई उपलब्धियों को रेखांकित किया। उनकी व्यापक रिपोर्ट में उनकी संसदीय उपलब्धियों और संसद के भीतर सक्रियता से उठाए गए मुद्दों को शामिल किया गया है, जिसमें विदेश में फंसे हुए पंजाबियों की वापसी, व्यापक विकास, शिक्षा और कौशल विकास में प्रगति निवेश आकर्षित करने और पंजाबी संस्कृति को संरक्षित करने की पहल जैसे प्रयास शामिल हैं।

डॉ. साहनी ने कहा कि इन दो वर्षों के दौरान उन्होंने पंजाब को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया, जिसमें कृषि, महंगाई और बेरोजगारी से लेकर सांस्कृतिक संरक्षण तक शामिल हैं। उनकी कोशिशों के कारण कई महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए, जिनमें सराय पर जीएसटी को रद्द करना, पंजाब विश्वविद्यालय के केंद्रीकरण को रोकना, मोहाली में सेमी-कंडक्टर लैब के उन्नयन के लिए ₹10,000 करोड़ का अनुदान प्राप्त करना और राष्ट्रीय खेलों में सिख मार्शल आर्ट गतका का भाग लेना शामिल है। इसके अलावा, उनके प्रयासों से नई दिल्ली को अमृतसर से जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हुई, साथ ही दिल्ली से लुधियाना और भटिंडा के लिए उड़ान मार्ग भी शुरू हुए। उन्होंने विदेश में फंसे 100 से अधिक पंजाबियों की सफल वापसी की देखरेख भी की है।  

डॉ. साहनी ने बताया कि आईटीआई लुधियाना को उन्होंने 2 करोड़ का अनुदान देकर और करीब 30 लाख रुपये अपनी जेब से खर्च कर उत्कृष्टता केंद्र में तब्दील किया  इसके अलावा उन्होंने पंजाब भर में पांच अतिरिक्त आईटीआई को गोद लिया है।

डॉ. साहनी ने यह भी कहा कि वे राज्य में दस विश्व स्तरीय कौशल विकास केंद्र स्थापित कर रहे हैं, जिससे 10,000 से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है। पटियाला, लुधियाना और जालंधर में केंद्र सितंबर से शुरू हो जाएंगे वहीं अमृतसर में उनके द्वारा चलाया जा रहा मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर पहले से ही सफलतापूर्वक चल रहा है, जो हर साल 1000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षण और रोजगार प्रदान कर रहा है।

डॉ. साहनी ने पंजाब के सभी सांसदों के बीच एकजुटता का आह्वान किया और उनसे राज्य के विकास के लिए पार्टी लाइन से हटकर सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने लंबित मुद्दों को तेजी से निपटाने और पंजाब की विकासात्मक पहलों के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं और वित्त पोषण को सुरक्षित करने के लिए केंद्र के साथ रचनात्मक बातचीत के महत्व पर जोर दिया।