पेड़ों की रक्षा और संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है : वाइस चेयरपर्सन सोनिया अग्रवाल
- एक पेड़ मां के नाम खुशहाल प्रकृति का संदेश– सोनिया अग्रवाल वाइस चेयरपर्सन
- पर्यावरण को शुद्ध और समृद्ध बनाने के लिए पेड़ लगाना हम सब का प्रथम दायित्व – हरियाणा राज्य महिला आयोग वाइस चेयरपर्सन सोनिया अग्रवाल
नन्द सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, रायपुररानी, 09 जुलाई :
हरियाणा राज्य महिला आयोग वाइस चेयरपर्सन सोनिया अग्रवाल ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम। पर्यावरण को शुद्ध और समृद्ध बनाने के लिए लगाना हम सब का प्रथम दायित्व बनता है।
पेड़ों को मां के रूप में देखना एक प्राचीन और समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण है जो हमें प्राकृतिक संतुलन और जीवन की संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पेड़ों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और समझ बढ़ाने के लिए उन्हें मां के नाम से जोड़ना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि हम पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण में भी सक्षम हो सकें।यही हमारे प्रधानमंत्री जी का संदेश है।
पेड़ और पर्यावरण का गहरा नाता है
पेड़ों का प्रकृति संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान होता है। वे ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, वायु में कार्बन डाइऑक्साइड को कम करते हैं, वातावरणीय सेवाएं प्रदान करते हैं, और जीवन के लिए आवश्यक शरीरी धातुओं को भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा, पेड़ भूमि की गर्मी को रोकने में भी मदद करते हैं और जल संवर्धन में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
पेड़ों के लिए हमारी संरक्षा की जिम्मेदारी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझने में भी बहुत महत्वपूर्ण है। वे समृद्ध समाज और स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक हैं।
पेड़ों को मां के नाम से जोड़ना एक गहरा और संवेदनशील अनुभाव है। वे हमें जीवन की अनमोलता की महत्वपूर्णता को बताते हैं और हमें यह सिखाते हैं कि प्रकृति से हमारा गहरा संबंध है।
विभिन्न धर्मग्रंथों में पेड़ों को प्रकृति के प्रतीक के रूप में देखा गया है। उन्हें सम्मान और संरक्षण की जरूरत को मानते हुए इसे महत्वपूर्ण माना गया है।
आधुनिक विज्ञान ने भी स्पष्ट किया है कि पेड़ों का महत्व उनकी रक्षा और पालन में है। वे वायुमंडल और जलमंडल के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
पेड़ों की रक्षा और संरक्षण के लिए उचित कदम उठाना हमारी जिम्मेदारी है। हमें उनकी वृद्धि को बढ़ाने और उनकी रक्षा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
पेड़ों को मां के नाम से जोड़ना हमारे लिए एक सांस्कृतिक, पारंपरिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। इससे हमारे जीवन की संतुलन और समृद्धि को बढ़ाने में मदद मिलती है, और पर्यावरण को शुद्ध और समृद्ध बनाने में हमारी सहायता होती है। इसलिए, हमें पेड़ों के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और उनकी रक्षा के लिए कठोर प्रयास करने चाहिए।