Saturday, December 28

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 03  जुलाई 2024

नोटः   आज प्रदोष व्रत है।  हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सुख-शांति की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। माना जाता है कि इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में प्रदोष व्रत के उपाय बताए गए हैं, जिनको करने से धन और संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आने वाले संकट से मुक्ति मिलती है।

  आज सर्वार्थ सिद्धि योग है। सर्वार्थसिद्धि योग ऐसा योग है, जिसमें यदि किसी कार्य का आरंभ किया जाए तो उससे विशेष लाभ मिलता है। जब कोई विशेष मुहूर्त नहीं मिलता तब इस योग के साथ में शुभ,लाभ,अमृत की चौघड़िया के समावेश में कार्य करने से सभी प्रकार के कार्यो में सफलता मिलती है। यह योग सोमवार, शुक्रवार को हों तो वस्त्र, आभूषण जैसी वस्तुएं खरीदना चाहिए।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः आषाढ़ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः द्वादशी प्रातः काल 07.11 तक है, 

वारः बुधवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः रोहिणी रात्रि काल 04.08 तक है, 

योगः शूल प्रातः काल 09.02 तक है, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः मिथुन, चन्द्र राशिः वृष, 

राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

सूर्योदयः 05.32, सूर्यास्तः 07.19 बजे।