पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 02 जुलाई 2024
नोटः आज योगनी एकादशी व्रत है। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी मनाई जाती है। इसके व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। यह इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति देने वाली है। यह तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। इस बार योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई को रखा जाएगा। योगिनी एकादशी व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का घर में आगमन होता है। एकादशी व्रत से व्यक्ति को स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः आषाढ़
पक्षः कृष्ण,
तिथिः एकादशी प्रातः काल 08.43 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः कृत्तिका अरूणोदय काल 04.40 तक है,
योगः वैधृति प्रातः काल 11.17 तक है,
करणः बालव,
सूर्य राशिः मिथुन, चन्द्र राशिः मेष,
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.31, सूर्यास्तः 07.19 बजे।