Friday, December 27

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 08  जून 2024

नोटः आज रम्भा तृतीया व्रत है। रंभा तृतीया व्रत ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र, बुद्धिमान संतान पाने के लिए यह व्रत रखती है। कुंआरी कन्याएं यह व्रत अच्छे वर की कामना से करती हैं। वर्ष 2024 में यह व्रत 08 जून 2024, शनिवार को मनाया जा रहा है।

रंभा तृतीया की कहानी इस प्रकार है, एक समय की बात है जब एक नगर में एक खुशहाल ब्राह्मण जोड़ा रहता था वे दोनों पति-पत्नी साथ में देवी लक्ष्मी जी की पूजा किया करते थे उनका दांपत्य जीवन बेहद हंसी-खुशी से बीत रहा था, लेकिन एक दिन अचानक उस महिला के पति को किसी कार्य हेतु गांव के बाहर जाना पड़ा पति के घर छोड़ देने के बाद पत्नी बेहद ही निराशा और तनावग्रस्त रहने लगी एक रात जब वह सो रही थी तो उसे स्वप्न आया कि उसके पति के साथ एक दुर्घटना हो गई है तभी वह विलाप करने लगी यह सब देखकर मां लक्ष्मी खुद को रोक न पाई और एक बूढी औरत का वेश धारण करके उसे महिला के पास पहुंची तभी देवी लक्ष्मी उसे महिला से उसका हाल पूछती है और महिला अपनी सारी व्यथा मां लक्ष्मी को बताती हैं यह सब सुनने के बाद वह बूढी औरत यानी की मां लक्ष्मी महिला से रंभा तृतीया के दिन व्रत करने की बात कहती है वह महिला दूसरों की कही गई बातों के अनुसार रंभा तृतीया के दिन व्रत रहने लगे और व्रत के फल स्वरुप कुछ समय पश्चात ही महिला का पति सकुशल घर भी लौट आया ।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः ज्येष्ठ 

पक्षः शुक्ल

तिथिः द्वितीया अपराहन् काल 03.56 तक है, 

वारः शनिवार। 

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः आर्द्रा सांयः काल 07.43 तक है, 

योगः अतिगण्ड़ सांय काल 06.57 है, 

करणः कौलव 

सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः मिथुन, 

राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 05.27, सूर्यास्तः 07.14 बजे।