पंचांग, 31 मई 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 31 मई 2024
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः ज्येष्ठ
पक्षः कृष्ण,
तिथिः अष्टमी प्रातः काल 09.39 तक है,
वारः शुक्रवारv
नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः शतभिषा प्रातः काल 06.14 तक है,
योगः विष्कुम्भक सायं काल 06.04 है।
करणः कौलव,
सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः कुम्भ,
राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.28, सूर्यास्तः 07.10 बजे।