- भीषण गर्मी एवं हीट वैव के चलते बिजली निगम तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के रखें बिजली/पानी की बेहत्तर व्यवस्था-एसडीएम यश जालुका।
- पेयजल सम्बंधी समस्या के समाधान के लिए करें टोल फ्री नम्बर 18001805678 पर सम्पर्क।
- गर्मी व लू से बचाव के लिए सावधानी रखना है बेहद जरूरी।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला – 30 मई :
एसडीएम यश जालुका ने प्रदेश में चल रही भीषण गर्मी एवं हीट वैव के चलते बिजली निगम तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वे इस मौसम को देखते हुए बिजली/पानी की बेहत्तर व्यवस्था रखें। उन्होंने कहा कि नागरिक अस्पताल नारायणगढ़ में गर्मी एवं लू लगने से बचाव से सम्बंधित सभी पर्याप्त सुविधाएं है।
एसडीएम ने सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को गर्मी से निपटने के लिए किये जा रहे उपायों की समीक्षा करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिये है कि भीषण गर्मी को देखते हुए उपमण्डल में निर्बाध बिजली और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित रहे। उन्होंने स्थानीय स्तर पर बिजली आपूर्ति में किसी भी तरह की समस्या के तुरंत समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने बिजली उपयोगिताओं की स्थानीय स्तर पर बिजली संबंधी समस्याओं के त्वरित और प्रभावी समाधान के लिए विशेष रूप से अतिरिक्त टीमें बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मण्डल नारायणगढ़ के कार्यकारी अभियंता अनिल चौहान ने बताया कि पानी तथा सीवरेज से सम्बंधित समस्या के समाधान के लिए टोल फ्री नम्बर 18001805678 पर सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पेयजल संबंधी शिकायतों के समाधान तत्परता से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग पेयजल का सदपयोग करें और पानी को व्यर्थ न बहायें।
एसडीएम यश जालुका ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे गर्मी को देखते हुए अपने घरों के बाहर पानी के मटके रखें और बेसहारा पशुओं के लिए भी मिट्टी आदि के बर्तनों में पानी भी भर कर रखें। विभिन्न समाजसेवी तथा पशु प्रेमी संस्थाओं से भी अपील की है कि ऐसे कठिन समय में बेसहारा पशुओं और पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था के लिए सहयोग करें।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में चल रही हीट वेव के प्रभाव से पशुधन के बचाव के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी सभी अधीनस्थ कार्यालयों को भेजकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
गर्मी के मौसम में गर्म हवा और बढ़ते हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है, विशेषकर धूप में घूमने वालों, खिलाडिय़ों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है, हम लू से बचे रहें यानी इलाज से बचाव बेहतर है। उन्होंने कहा कि गर्मी व लू से बचाव के लिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है।
गर्मी में लू से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय-
लू से बचाव के लिए स्थानीय मौसम संबंधी खबरों के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें, गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, अपना सिर ढककर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं-भले ही प्यास न लगी हो, ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का मांड) नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन कर तरोताजा रहें। बच्चों को वाहनों में छोडकर न जाएं उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है, नंगे पांव बाहर न जाएं, गर्मी से राहत के लिए हाथ का पंखा अपने पास रखें, काम के बीच में थोड़ा-थोड़ा विश्राम लें, खेत खलीहान में काम कर रहे हैं तो समय-समय पर पेड़ या छाया में ही आसरा लें। गर्मी के मौसम में जंक फूड का सेवन न करें। ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना खाएं। यदि बच्चे को चक्कर आए, उल्टी घबराहट अथवा तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो तो चिकित्सक को दिखाएं।
बढ़ती गर्मी में वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल करें, तेज गर्मी, खासतौर से जब वे अकेले हों, तो कम से कम दिन में दो बार उनकी जांच करें, ध्यान रहे कि उनके पास फोन हो, यदि वे गर्मी से बैचेनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठंडक देने का प्रयास करें, उनके शरीर को गीला रखें, उन्हें नहलाएं अथवा उनकी गर्दन तथा बगलों में गीला तौलिया रखें,उनके शरीर को ठंडक देने के साथ साथ जरूरत हो तो डॉक्टर को दिखाएं, उन्हें अपने पास हमेशा पानी की बोतल रखने के लिए कहें।
अपने जानवरों का लू से कैसे करें बचाव-
जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें, उन्हें घर के भीतर रखें, पीने के पानी के दो बाउल रखें ताकि एक में पानी खत्म होने पर दूसरे से वे पानी पी सकें, यदि उन्हें घर के भीतर रखा जाना संभव न हो तो उन्हें किसी छायादार स्थान में रखें, जहां वे आराम कर सकें। ध्यान रखें कि जहां उन्हें रखा जाए वहां दिनभर छाया रहे, अपने पालतू जानवर का खाना धूप में न रखें, जानवरों को किसी बंद जगह में न रखें, यदि आपके पास कुत्ता है तो उसे गर्मी में न टहलाएं, उन्हें सुबह और शाम को घुमाएं जब मौसम ठंडा हो, कुत्ते को गर्म सतह (पटरी, तारकोल की सडक़, गर्म रेत) पर न टहलाएं, किसी भी स्थिति में जानवर को वाहन में न छोड़ें।
पशुओं को दिन के ठंडे समय में ही नहलाएं। अधिक श्रम वाले कार्य जैसे जुताई, बुलाई आदि में पशुओं का उपयोग केवल ठंडे समय में करें। पशुओं का परिवहन केवल ठंडे समय में करें। छोटे बच्चों तथा गाभिन पशुओं पर विशेष ध्यान दें। पशुओं को लू लगने के लक्षण दिखने पर तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करके पशु का उचित उपचार करवाएं।