पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 15 मई 2024
नोटः आज श्री दुर्गाष्टमी व्रत एवं पूजन हैं। प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को दुर्गाष्टमी व्रत किया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की उपासना की जाती है। जिस प्रकार चतुर्थी तिथि का अधिष्ठाता भगवान गणेश को माना जाता है, उसी प्रकार प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। अतः आज देवी दुर्गा की उपासना का दिन है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः वैशाख
पक्षः शुक्ल,
तिथिः अष्टमी की वृद्धि है जो कि गुरूवार को प्रातः काल 06.23 तक है,
वारः बुधवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः आश्लेषा अपराहन् काल 03.25 तक हैं,
योगः वृद्धि प्रातः काल 07.41 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः कर्क,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.34, सूर्यास्तः 07.01 बजे।