Monday, December 23

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 10 मई 2024

नोटः आज श्री अक्षय तृतीया पर्व है। तथा भगवान परशुराम जयंती हैं। आज से केदार और बद्री धाम की यात्रा शुरू हैं।

श्री अक्षय तृतीया पर्व : अक्षय तृतीया का दिन परशुरामजी का जन्मदिन होने के कारण परशुराम तिथि भी कहलाता है। परशुरामजी की गिनती चिरंजीवी महात्माओं में की जाती है इसलिए इस तिथि को चिरंजीवी तिथि भी कहते हैं। इस दिन लोग भगवान गणेश, भगवान कुबेर, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। अक्षय से तात्पर्य उन चीजों से है जो कभी खराब नहीं हो सकतीं। इसलिए, लोग इस दिन व्यवसाय या नया उद्यम या विवाह, या सगाई जैसे शुभ कार्य शुरू करते हैं।

भगवान परशुराम जयंती : हर साल बैसाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया पर भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है. इस दिन को अक्षय तृतीया भी कहते हैं, महाभारत और पुराणों में दर्ज है कि परशुराम का जन्म ब्राह्मण ऋषि से हुआ था जमदग्नि और राजकुमारी रेणुका, क्षत्रिय वर्ग के सदस्य थे।

विक्रमी संवत्ः 2081, शक संवत्ः 1946, मासः वैशाख पक्षः शुक्ल, तिथिः तृतीया रात्रि काल 02.51 तक है, वारः शुक्रवार। 

नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः रोहिणी प्रातः काल 10.47 तक हैं, योगः अतिगण्ड़ दोपहर काल 12.06 तक, करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः  मेष, चन्द्र राशिः  वृष, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.37, सूर्यास्तः 06.58 बजे।