पंचांग, 08 मई 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 08 मई 2024

नोटः वैशाख अमावस (स्नान दानादि), मेला पिंजौर (कालका हरियाणा) है।

वैशाख अमावस (स्नान दानादि) : वैशाख अमावस्या के दिन दान और स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। वैशाख की अमावस्या पर दान करने से पितृ दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके अलावा वैशाख अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए। वहीं, इस दिन गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन कराने से जीवन के कष्ट दूर हो सकते हैं।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः वैशाख 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः  अमावस प्रातः काल 08.52 तक है, 

वारः बुधवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः भरणी दोहपर काल 01.34 तक हैं, 

योगः सौभाग्य सांय काल 05.41 तक, 

करणः नाग, 

सूर्य राशिः  मेष, चन्द्र राशिः मेष, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.39, सूर्यास्तः 06.57 बजे।