पंचांग, 19 अप्रैल 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 19 अप्रैल 2024

नोटः आज श्री कामदा एकादशी व्रत तथा श्रीलक्ष्मीकांत दोलोत्सव हैं, सूर्य सायन वृष में,

श्री कामदा एकादशी व्रत : चैत्र महीने की एकादशी तिथि की शुरुआत 18 अप्रैल को शाम साढ़ें पांच बजे से हो जाएगी और 19 अप्रैल रात्रि 8 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार कामदा एकादशी का व्रत और श्रीहरि की पूजा 19 अप्रैल के दिन ही की जाएगी। आपको बता दें कि साल 2024 में कामदा एकादशी के दिन रवि योग भी रहेगा जिसके चलते इस दिन पूजा करने से आपको मनोवांछित फल प्राप्त हो सकते हैं।  अगर कोई व्यक्ति विधि-विधान से इस दिन पूजन करता है तो, उसके पारिवारिक जीवन में समस्याएं नहीं आती और जीवन सुचारु रूप से चलता रहता है। इस दिन व्रत रखने से सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। 

सूर्य सायन वृष में

सूर्य सायन वृष : जब इस राशि में विराजमान होते हैं सूर्य तो जातक को कपड़ों, इत्र और विलासिता की वस्तुओं के उत्पादन में सफलता मिल सकती है। सूर्य के वृषभ राशि में विराजमान होने से व्यक्ति को पिता, सट्टा, स्टॉक और अलग अलग स्रोतों से धन की प्राप्ति हो सकती है, लेकिन इस धन के साथ बहुत सतर्कता बरतनी पड़ेगी।

ग्रीष्म ऋतु प्रारम्भ है। भारत में यह मार्च से जून तक होती है। फाल्गुन से आषाढ के महीने ग्रीष्म ऋतु होती है। इन मासों में सूर्य की किरणें इतनी तेज होती हैं कि प्रातःकाल में भी उन्हें सहन करना सरल नहीं होता। सूर्य के पृथ्वी के निकट आ जाने से यह ऋतु उत्पन्न होती है। इस ऋतु मैं प्रायः भारत के सभी स्थानों का तापमान बढ़ जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः चैत्र, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः  एकादशी रात्रि काल 08.05 तक है, 

वारः शुक्रवार। 

नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः  मघा प्रातः काल 10.57 तक हैं, 

योगः वृद्धि रात्रि काल 01.45 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः  सिंह, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.55, सूर्यास्तः 06.46 बजे।