डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली – 10 अप्रैल :
मोहाली जिले के खल्लौर गांव में बनूड़-अंबाला हाईवे रोड पर स्थित विश्व के प्रथम और एकमात्र निर्माणाधीन मात-पिता मंदिर में हर साल की तरह 13वाँ मात-पिता पूजन दिवस बुधवार को बड़ी धूम धाम से मनाया गया। पूजन दिवस में लगभग 4000 लोगों ने हिस्सा लेकर श्रद्धा एवं भक्ति भावना प्रकट की।
कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पंचकूला, चंडीगढ़, मोहाली, राजपुरा , अंबाला , आसपास के गांवों व अन्य कई प्रांतों से लोग और स्कूल कॉलेज के बच्चे बसों में भर कर भारी मात्रा में पहुंचे।
मात-पिता पूजन दिवस में पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने मुख्य वक्ता के तौर पर शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने अपने प्रेरणादायक विचार साझा किये।
कार्यक्रम में चीफ़ गेस्ट समाजसेवी जगमोहन गर्ग, स्पेशल गेस्ट ऑफ ऑनर महारानी परनीत कौर सांसद पटियाला , गेस्ट ऑफ ऑनर हीरेंद्र बुधिराजा, कर्म चंद गोयल, सत्य भगवान सिंगला जी व ट्राई सिटी के जाने माने लोग समागम में शामिल हुए।
भक्ति और सत्कार के रूहानी केंद्र पर विकसित हो रहे माता-पिता गोधाम महातीर्थ स्थल में मात-पिता और गौ माता से प्यार करने वाले भक्तजन ने धार्मिक विधि विधान के साथ हवन यज्ञ के साथ मात-पिता पूजन दिवस का आगाज किया गया।
पंडाल में बैठी संगत मात-पिता और गौ माता की उस्तत में भजन गायन के रस में झूमती रही। गौशाला में मौजूद गायों को श्रद्धालु चारा और आटे के पेड़े खिलाते हुए आनंद का अनुभव करते नजर आए।
इस मौके पर मात-पिता गोधाम महातीर्थ के संस्थापक ज्ञानचंद वालिया सहित सभी महातीर्थ के सदस्यों ने हवन यज्ञ में भाग लिया। इसके बाद गोमाता को प्रसाद, गुड़, आटा व चारा खिलाया। हवन यज्ञ में महातीर्थ के सदस्यों के अलावा गण्यमान्य ने आहुतियां डालीं।
इस मौके पर भजना नन्दी स्वामी देवकी नंदन ने भजन गाकर समा बांधा। महातीर्थ के सदस्य बशेश्र नाथ शर्मा, अमरजीत बंसल, सुरेश बंसल, सूरनेष सिंगला, कश्मीरी लाल गुप्ता, जय गोपाल बंसल, सुभाष सिंगला, कुलदीप ठाकुर, दीपक मित्तल, लाजपत राय गर्ग, सुभाष अग्रवाल, केके अग्रवाल, सुरेश शर्मा कपिल वर्मा, एकता नागपाल, जुनेजा जी, बबू जी आदि काफी मात्रा में कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सुबह से रात तक भंडारा लगाया गया।
इस मौके पर ट्राई सिटी के 10 प्रमुख समाजसेवियों को सम्मान पत्र दिये।
रूहानी केंद्र के तौर पर विकसित हो रहा मात पिता गोधाम महातीर्थ: ज्ञानचंद वालिया
मात-पिता गोधाम महातीर्थ के संस्थापक गोचर दास ज्ञान चंद वालिया ने इस मौके पर अपने विचार साझा करते कहा के मात पिता गोधाम महातीर्थ स्थल आज एक रूहानी केंद्र के तौर पर विकसित हो रहा है। इस तीर्थ स्थल में जहां गौ माता से प्यार करने की शिक्षा मिल रही है वहीं घर-घर में माता-पिता का सम्मान किए जाने का संदेश पहुंचा जा रहा है। इस संस्थान की तरफ से दिए जाने वाला संदेश आज समय की सबसे बड़ी जरूरत है। इसी के साथ हम अपनी संस्कृति को बचा सकते हैं। अपने अपने माता पिता की जय एक ऐसा जय घोष है जिसे यदि हम अपनी जीवनशैली में लागू कर लें तो यह मानव शरीर रूपी वृक्ष की जड़ों में सीधे पानी देने जैसा होगा और इससे निश्चित ही विश्व में शांति की लहर आएगी।
विश्व का इकलौता मंदिर:
मात पिता गोधाम महातीर्थ स्थल के संस्थापक गोचर दास ज्ञान ने बताया कि माता-पिता गोधाम महातीर्थ स्थल एक विश्व का ऐसा पहला मंदिर है जहां पर किसी भगवान की मूर्ति न हो कर अपने माता मे भगवान होने का एहसास होगा । वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड (लंदन) में विश्व का पहला मंदिर दर्ज होने का सम्मान मात पिता गोधाम महातीर्थ को मिला और हाउस ऑफ़ लोर्ड इंग्लैंड में सम्मान के साथ बहुत सी संस्थाओं ने भी सम्मान दिया है । निर्माण अधीन मंदिर का कार्य श्रद्धालुयों के सहयोग के साथ बड़े स्तर पर चल रहा है । यहाँ दी गई दान राशि पर इनकम टैक्स एक्ट 80g के तहत टैक्स में छूट प्राप्त है व इस संस्था को सीएसआर सर्टिफिकेट भी प्राप्त है । 2026 तक मंदिर का कार्य पूर्ण होने की संभावना है।