पंचांग, 08 अप्रैल 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 08 अप्रैल 2024

नोटः सोमवती अमावस, तीर्थस्नान माहात्म्य, वि. संवत् 2080 पूर्ण, मेला हरिद्वार-प्रयागराजादि।

सोमवती अमावस

सोमवती अमावस : सोमवार को होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विशेष पूजा और व्रत करने का विधान है। साथ ही पितरों का तर्पण किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।शास्त्रों के अनुसार, सोमवती अमावस्या स्नान-दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की उपासना से साधक को सुख-शांति मिलती है। व्रती को अखंड सौभाग्य, खुशहाली और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः चैत्र, 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः  अमावस रात्रि काल 11.51 तक है,

 वारः सोमवार।

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद्र प्रातः काल 10.13 तक है, 

योगः ऐन्द्र सांय काल 06.14 तक, 

करणः चतुष्पद, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः मीन,  सूर्योदयः 06.07, सूर्यास्तः 06.39 बजे।