पंचांग, 02 अप्रैल 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 02 अप्रैल 2024

नोटः आज शीतला अष्टमी व्रत एवं पूजन है। शीतला अष्टमी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। एक थाली में एक दिन पहले बनाए गए पकवान जैसे मीठे चावल, रोटी आदि रख लें। पूजा के लिए एक थाली में आटे के दीपक, रोली, हल्दी, अक्षत, वस्त्र बड़कुले की माला, मेहंदी, सिक्के आदि रख लें। इसके बाद शीतला माता की पूजा करें।

शीतला अष्टमी व्रत एवं पूजन

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः चैत्र, 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः  अष्टमी रात्रि काल 08.09 तक है, 

वारः मंगलवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पूर्वाषाढ़ा रात्रि काल 10.49 तक है, 

योगः परिघ सांय काल 06.35 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः धनु, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.14, सूर्यास्तः 06.36 बजे।