पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 27 मार्च 2024
नोटः आज संत तुकाराम जयंती है। संत तुकाराम महाराज (तुकोबा) 17वीं शताब्दी के वारकरी संप्रदाय के संत थे। उनका जन्म वसंत पंचमी माघ शुद्ध पंचमी, हिंदू चंद्र कैलेंडर के उज्ज्वल पखवाड़े के 5 वें दिन को महाराष्ट्र के देहू गांव में बोल्होबा और कनकई में हुआ था। संत की उपाधि प्राप्त करने से पहले उनका नाम तुकाराम बोल्होबा अम्बिले (मोरे) था। तुकाराम ने फाल्गुन के द्वितीया दिवस पर अवतरित होने के बाद बैकुंठ के लिए प्रस्थान किया। पंढरपुर के विठ्ठल या विठोबा संत तुकाराम के आराध्य देवता थे। उन्होंने भक्ति गीतों के माध्यम से लोगों को ईश्वर-प्राप्ति का आसान मार्ग दिखाया। शिवाजी भी तुकाराम से प्रभावित होकर भक्ति मार्ग के अनुयायी हुए। वीर शिवाजी ने संत तुकाराम के संदेश और निर्देशों का पालन करते हुए धर्मियों की रक्षा की। तुकाराम में मराठा साम्राज्य के दौरान अपने उपदेशों से समाज का उत्थान किया। उनके उपदेश और संदेशों से प्रेरित होकर समाज में नई क्रांति आई।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1946,
मासः चैत्र,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः द्वितीया सांय कालः 05.07 तक है,
वारः बुधवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः चित्रा सांय काल 04.16 तक है,
योगः व्यातिपात रात्रि काल 10.53 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः तुला,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.20, सूर्यास्तः 06.33 बजे।