पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 21 मार्च 2024
नोटः आज गोविन्द द्वादशी व्रत है: फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वादशी को गोविंद द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत कर भगवान विष्णु की गोविंद नाम से पूजा की जाती है। आज के दिन षोडशोपचार या पंचोपचार के द्वारा भगवान विष्णु का विधिवत पूजन करें। चंदन, अक्षत, तुलसी दल व पुष्प को श्री गोविंद व श्री हरि बोलते हुए भगवान को अर्पित करने चाहिए।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1946,
मासः फाल्गुन,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वादशी रात्रि कालः 04.45 तक है,
वारः गुरूवार।
नोटः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः आश्लेषा रात्रि काल 01.27 तक है,
योगः सुकृत सांयः काल 05.42 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः मीन,, चन्द्र राशिः कर्क,
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.27, सूर्यास्तः 06.29 बजे।