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पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 13 मार्च 2024

नोटः आज अविघ्नर व्रत है:मान्यता है कि भगवान अविघ्न विनायक के दर्शन करने से शुभ व मांगलिक कार्यों में आ रही बाधा दूर होती है। अविघ्न विनायक अष्टविनायक मे पांचवें स्थान पर हैं। अवंतिका खंड मे भी इसका उल्लेख है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के समय सीता माता ने वहीं अपना व्रत खोला था और अविघ्न विनायक की स्थापना की थी।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः फाल्गुन, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः चतुर्थी रात्रि काल 01.26 तक है, 

वारः बुधवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः अश्विनी सांय काल 06.25 तक है, 

योगः ऐन्द्र रात्रि काल 12.48 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः मेष, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.37, सूर्यास्तः 06.24 बजे।

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