पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 12 मार्च 2024
नोटः तृतीया तिथि का क्षय है।
नोटः आज रात्रि 08.30 से पंचक समाप्त हो रहे हैं। आज फुलेरा दूज (मथुरा उ.प्र.) तथा श्री रामकृष्ण परम हंस जयंती है।
फुलेरा दूज : हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। इस बार फुलेरा दूज 12 मार्च 2024 दिन मंगलवार को है। यह त्योहार श्री राधा कृष्ण के प्यार का प्रतीक है।
श्री रामकृष्ण परम हंस का जन्म फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर हुआ था। इस साल ये तिथि 12 मार्च को है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से परमहंसजी का जन्म 18 फरवरी 1836 को बंगाल के कामारपुर में हुआ था। उनकी मृत्यु 16 अगस्त 1886 को कोलकाता में हुई थी।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः फाल्गुन,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वितीया प्रातः 07.14 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः रेवती रात्रि काल 08.30 तक है,
योगः शुक्ल प्रातः काल 07.53 तक,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः मीन,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.38, सूर्यास्तः 06.24 बजे।