Saturday, December 21

समस्त चण्डीगढ़ किन्नर समाज ने गरीब कन्याओं की शादी के लिए 50 सूट व एक लाख ग्यारह हज़ार रूपये भेंट किये

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 05 मार्च    :

ओम महादेव कावड़ सेवा दल द्वारा करवाई जा रही महाशिवपुराण कथा में आज प्रसिद्ध कथा वाचक देशमुख वशिष्ठ द्वारा बताया गया कि जब राजा दक्ष द्वारा करवाई जा रहे यज्ञ में सती पहुंची तो सती की बहन से लेकर राजा दक्ष तक सबने उसका अपमान किया गया। लेकिन जैसे ही सती की मां प्रसूति ने उसको देखा तो अपनी बेटी को गले से लगा लिया। और समझाया की बेटी तू यहां से वापस चली जा क्योंकि तेरे पिताजी तेरे को सबसे ज्यादा प्यार करते थे लेकिन अब वह तेरे ही सबसे ज्यादा बैरी बन गए हैं। सभी ने सती का अपमान किया लेकिन सिर्फ एक उसकी माता ने उसको गले से लगाया। अगर जगत में कोई सच्चा प्यार करने वाले हैं तो मां के जैसा कोई नहीं, इसलिए हमारे शास्त्रों में भी जब उपासना की गई तो सबसे पहले मातृ देव भव का उच्चारण किया गया, पितृदेव भव दूसरे नंबर पर और तीसरे नंबर पर सतगुरु देवाये नमः यानी तीसरे नंबर पर गुरु का स्थान है। मां का स्थान कोई नहीं ले सकता। शिव के नाम से पहले मां का नाम बोलते हैं जो ईश्वर की पूजा करें और मां का उपासना ना करें तो पूजा अधूरी है हम बोलते हैं उमापति महादेव हम राम की उपासना करते हैं तो बोलते हैं सियावर रामचंद्र की जय हम कृष्ण की उपासना करते हैं तो बोलते हैं राधावर कृष्ण की जय। मां को को पहले पूजा जाता है। क्योंकि मां से बड़ा बच्चे पर कृपा बरसाने वाला कोई नहीं होता तभी तो ।जब भगवान की स्तुति करते हैं तो कहते हैं त्वमेव माता च त्वमेव पिता यहां भी मां के समान की पहले बात की गई है। मां का हृदय बड़ा कोमल होता है मां तो मां होती है । और यह शब्द वह है जो नाभि से निकलता है।

कावड़ सेवा दल के सदस्य मोहित ठाकुर का बंटी गोयल ने बताया कि आज समस्त चण्डीगढ़ किन्नर समाज से कई महंत ओम महादेव कावड़ सेवा दल की पूरी टीम को आशीर्वाद देने के लिए महाशिव पुराण कथा में पहुंचे और उन्होंने 50 सूट व 1,11,000 रूपये गरीब कन्याओं की शादी में कन्यादान के लिए दिए। किन्नर समाज के महंतों ने श्रद्धालुओं को भी आशीर्वाद दिया और उन्होंने कहा कि जब आपके यहां बच्चे पैदा होते हैं तो लोरी देने के लिए हम आपके घर आते हैं और आपकी शादी में जोडे को लंबी उम्र के लिए आशीर्वाद देते हैं। कभी भी आपके जीवन में कभी विघ्न बाधा ना आए, इसके लिए किन्नर का सबसे बड़ा आशीर्वाद मिलता है। उनके ऊपर भी महादेव का आशीर्वाद है जिन्होंने राम को मान लिया, उन्होंने किन्नर समाज को मान लिया। इसलिए वे भी आपके भाई, बहन, बच्चों जैसे हैं, जब भी समाज के लोग आपके गलियों या घरों में आए तो उनकी इज्जत मान के साथ इनका आदर करना चाहिए।