Sunday, December 22

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 28 फरवरी 2024

नोटः आज श्री गणेश चतुर्थी व्रत है, गणेश जी के मंत्रों का जप करते हुए आरती करें। लड्डू का भोग लगाएं। इस प्रकार पूजा करने के बाद गणेश जी के सामने व्रत करने का संकल्प लें। इस व्रत में दिनभर निराहार रहते हैं और शाम को चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः फाल्गुन, 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः चतुर्थी रात्रि कालः 04.19 तक है, 

वारः बुधवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः हस्त (की वृद्धि है जो कि बुध वार को प्रातः काल 07.33 तक है।), 

योगः अतिगण्ड सांय काल 05.17 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः कन्या,

 राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.52, सूर्यास्तः 06.16 बजे।