Saturday, December 21
  • हरियाणा के राजकीय कॉलेजों में हजारों खाली पड़े सहायक प्रोफेसर्स के पदों पर पक्की भर्ती की मांग को लेकर 06 मार्च को पंचकूला  की सड़कों पर निकालेंगे मौन जुलूस: प्रोफेसर सुभाष सपड़ा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 26 फरवरी :

हरियाणा एस्पाइरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएशन ( हापा) प्रदेश के राजकीय कॉलेजों में हजारों खाली पड़े सहायक प्रोफेसरों के पदों पर रेगुलर भर्ती की मांग को लेकर सैकड़ो नेट/स्कॉलर्स/टॉपर्स  06 मार्च को पंचकूला की सड़कों पर हरियाणा प्रदेश की गठबंधन सरकार को मौन जुलूस निकाल कर जगाने का प्रयास करेंगे। 

हापा के संस्थापक सदस्य व हरियाणा राजकीय कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (HGCTA) के पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा ने बताया कि हरियाणा में सरकार द्वारा वर्ष 2019 में कुल 524 पदों पर कुछ ही विषयों में आखिरी बार सहायक प्रोफेसर प्रोफेसरों की भर्ती की गई थी। आधे से अधिक विषय ऐसी भी हैं जिन पर वर्ष 2016 के बाद से अब तक भर्ती नहीं हुई है। जबकि प्रदेश सरकार ने रेगुलर भर्ती के संबंध में  पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक हलफनामा देकर बताया था कि राज्य के राजकीय कॉलेज में सहायक प्रोफेसर प्रोफेसर के कुल 8137 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से कुल 4738 पद रिक्त हैं अर्थात कुल का 60 फ़ीसदी   पोस्ट रिक्त हैं। सरकार पक्की भर्ती के नियमों में संशोधन का हवाला देकर इसे टालती आ रही थी। 

अब जबकि प्रदेश सरकार की 3 जनवरी 2024 की केबिनेट मीटिंग में भर्ती के नियमों में संशोधन की मंजूरी भी ले चुकी है। इसके बावजूद सहायक प्रोफेसर्स की नियमित नियुक्ति में देरी क्यों हो रही है। 

प्रोफेसर सुभाष सपड़ा में बताया कि हरियाणा प्रदेश के राजकीय कॉलेजों में करीब 2000 एक्सटेंशन लेक्चर बिना किसी पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया व बिना आरक्षण नीति को लागू किए कार्य कर रहे हैं। 

उन्होंने यह भी बताया कि मार्च 2020 में उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा ने 2592 असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों की नई नियुक्तियों की स्वीकृति दी थी। परंतु यह फाइल भी इधर उधर कार्यालयों में धूल चाट रही है। 

प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवा अभ्यर्थी जो पिछले कई वर्षों से रेगुलर सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए पंचकूला  की सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं और जिन्हें प्रदेश के मंत्री व उच्च शिक्षा अधिकारी समय-समय पर झूठा आश्वासन देकर टालते रहे हैं, उनका जीवन अधर में लटका पड़ा है। 

प्रोफेसर सुभाष सपड़ा ने बताया कि कई बार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व राज्यपाल महोदय के नाम भी रेगुलर भर्ती के लिए ज्ञापन दिया जा चुका है, मगर आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हापा के वरिष्ठ सदस्यों की टीम मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल से भी सहायक प्रोफेसर की पक्की भर्ती की मांग को लेकर कई बार मुलाकात कर चुकी हैं। वे पंचकूला  के कई चक्कर लगाते रहे हैं। फिर भी सरकार इसे गम्भीरता से नहीं ले रही है। अब बिगड़ती हालत को देखते हुए एक बार फिर सैकड़ो शिक्षित युवा अभ्यर्थी पंचकूला व में नियमित भर्ती की मांग को लेकर 06 मार्च को मौन जुलूस निकालेंगे।