सदन में विपक्ष पर भड़कने के बाद सीएम सरमा ने ट्वीट भी किया, लिखा, कांग्रेस के लोग सुन लें, जब तक मैं, हिमंत बिस्वा सरमा ज़िंदा हूं, तब तक असम में छोटी बच्चियों का विवाह नहीं होने दूँगा। आप लोगों ने मुस्लिम समुदाय की बेटियों को बर्बाद करने की जो दुकान खोली है उन्हें पूरी तरह से बंद किए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे। दरअसल असम सरकार ने राज्य में बाल विवाह पर रोक के लिए मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून, 1935 खत्म कर दिया है। शुक्रवार देर रात हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। राज्य सरकार ने ’23 फरवरी को असम कैबिनेट ने एक अहम फैसला लेते हुए वर्षों पुराने असम मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून को वापस ले लिया गया है।
- मैं बाल विवाह की दुकान को 2026 से पहले बंद कर दूंगा: असम सीएम
- हमने मुस्लिम समुदाय के लिए कांग्रेस से ज्यादा काम किए: सीएम हिमंत
- राज्य से 2026 के पहले बाल विवाह खत्म किया जाएगा: सीएम हिमंत
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 26फरवरी :
गुवाहाटी। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि जब तक वे जिंदा हैं तब तक मुसलमान बच्चों को लेकर व्यापार नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि 2026 से पहले वे असम में मुसलमान बच्चों को लेकर चल रहे दुकान को बंद करके रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 5, 6, 7 साल की बच्चियों की शादी कर उसका जीवन बर्बाद करने वाले इस कारोबार को बंद करके ही रहेंगे।
इस बयान के वीडियो को सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सीएम विधानसभा में कांग्रेस पर गरजते हुए कहते हैं, ध्यान से सुन लो, जब तक मैं जिंदा हूं, तब तक असम में बाल विवाह नहीं होने दूंगा। यह आप सुन लीजिए। मैं आपको राजनीतिक चैलेंज करना चाहता हूं कि 2026 से पहले से यह दुकान बंद कर दूंगा।
सोशल मीडिया पर सीएम हिमंता का असम विधानसभा में आक्रामक तेवर वाला यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, ”कांग्रेस के लोग सुन लें, जब तक मैं, हिमंता बिस्वा सरमा ज़िंदा हूं, तब तक असम में छोटी बच्चियों का विवाह नहीं होने दूंगा। आप लोगों ने मुस्लिम समुदाय की बेटियों को बर्बाद करने की जो दुकान खोली है, उन्हें पूरी तरह से बंद किए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे।”
बता दें कि हाल ही में असम की हिमंता सरकार ने मैरिज एक्ट पर बड़ा फैसला लिया था। इसमें राज्य में मुस्लिम मैरिज एंड डाइवोर्स एक्ट 1935 को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया था। इसके बाद अब असम में सभी शादियां स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत ही होंगी। इसके बाद से ही कांग्रेस के साथ कई अन्य मुस्लिम नेताओं के द्वारा हिमंता सरकार के इस फैसले के खिलाफ हल्ला बोला जा रहा है। इसी का जवाब आज विधानसभा में सीएम ने तल्ख लहजे में दिया।