Sunday, December 22

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 24 फरवरी 2024

नोटः आज माघ-पूर्णिमा व्रत है। आज से ही माघ स्नान समाप्त, श्रीगुरू रविदास जयंती है। तथा भगवती श्री ललिता जयंती व्रत एवं पूजन है।

माघी पूर्णिमा के दिन श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उपवास रखा जाता है।  

देवी ललिता आदि शक्ति का वर्णन देवी पुराण में प्राप्त होता है। जिसके अनुसार पिता दक्ष द्वारा अपमान से आहत होकर जब दक्ष पुत्री सती ने अपने प्राण उत्सर्ग कर दिये तो सती के वियोग में भगवान शिव उनका पार्थिव शव अपने कंधों में उठाए चारों दिशाओं में घूमने लगते हैं। इस महाविपत्ति को यह देख भगवान विष्णु चक्र द्वारा सती के शव के 108 भागों में विभाजित कर देते हैं। इस प्रकार शव के टूकडे़ होने पर सती के शव के अंश जहां गिरे वहीं शक्तिपीठ की स्थापना हुई। उसी में एक माँ ललिता का स्थान भी है सती का हस्तांगुल यानी हाथ की उंगली जहां गिरी, वहीं मां ललिता देवी प्रकट हुईं।भगवान शंकर को हृदय में धारण करने पर सती नैमिष में लिंगधारिणीनाम से विख्यात हुईं इन्हें ललिता देवी के नाम से पुकारा जाने लगा।

गुरु रविदासजी मध्यकाल में एक भारतीय संत कवि सतगुरु थे। गुरु रविदास राम कृष्ण आदि के भक्त थे, कर्म को ही अपना गुरु मानते थे और उसी की भक्ति करते थे। इन्हें संत शिरोमणि सत गुरु की उपाधि दी गई है। इन्होंने रविदासीया, पंथ की स्थापना की और इनके रचे गए कुछ भजन सिख लोगों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः माघ, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः पूर्णिमा सांय काल 06.00 तक है, 

वारः शनिवार।

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः मघा रात्रि काल 10.21 तक है, 

योगः अतिगण्ड दोपहर काल 01.34 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः सिंह, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 06.56, सूर्यास्तः 06.13 बजे।