शिव महापुराण कथा का पूर्णाहुति और विशाल भंडारे के साथ समापन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 22फरवरी    :

सेक्टर 43 के माता शाकम्भरी देवी मंदिर में 14 फरवरी से आयोजित नौ दिवसीय शिवमहापुराण कथा का समापन 22 फरवरी को पूर्णाहुति के साथ हुआ। शिवपुराण के कथा वाचक आचार्य हरि जी महाराज के सानिध्य में संपन्न किया गया है। कथा समापन में विख्यात समाजसेवी रविन्द्र सिंह बिल्ला और डॉक्टर बी एल अरोड़ा ने भी शिरकत करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में मंदिर के पदाधिकारियों बी एल शर्मा, रामकुमार शर्मा, राजकुमार शर्मा, शशि कुमार, पंडित मदन मिश्रा, पंडित केशव नंद  और पंडित राजेश शुक्ला सहित बड़ी संख्या में भक्तों ने शामिल होकर प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त किया।

कथा वाचक आचार्य हरि जी महाराज ने अंतिम दिन की कथा सुनाते हुए भक्तों से कहा कि शिव के महात्मय से ओत-प्रोत यह पुराण शिव महापुराण के नाम से प्रसिद्ध है। भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं तथा बड़े सरल स्वभाव के हैं। इनका एक नाम भोला भी है। अपने नाम के अनुसार ही बड़े भोले-भाले एवं शीघ्र ही प्रसन्ना होकर भक्तों को मनवाँछित फल देने वाले हैं। कथावाचक आचार्य हरि जी महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि धार्मिक आयोजनों में भावनाएं होनी जरूरी है। सगुण, साकार सूर्य, चंद्रमा, जल, पृथ्वी, वायु यह एक शिव पुराण का स्वरूप हैं। उन्होंने कहा कि अपने चारों ओर सदैव वातावरण शुद्ध रखें।जहां स्वच्छता और शांति होती है, वहां देवताओं का वास होता है। जल,वायु, पेड़ एक चेतन से लेकर जड़ चेतन में आकर एक-दूसरे के सहायक बनते हैं। यहां अधार्मिकता बढ़ जाती है और कर्म को भूल जाते हैं, वहां शिव और शक्ति दोनों नहीं होते।शिव की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान शिव ही मनुष्य को सांसारिक बन्धनों से मुक्त कर सकते हैं, शिव की भक्ति से सुख व समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। आचार्य हरि जी महाराज जी ने कहा कि इस अलौकिक शिवपुराण की कथा सुनना अर्थात पाप से विमुक्त होना है।