पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 22 फरवरी 2024
नोटः आज मेला जैसलमेर (राजस्थान) एवं गुरू पुष्ययोग है।
गुरू पुष्ययोग : गुरुवार के दिन जब पुष्य नक्षत्र पड़ता है तो गुरु पुष्य योग का शुभ योग बनता है। मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की विशेष कृपा बरसती है। इस योग को गुरु पुष्य अमृत योग भी कहा जाता है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता और शुभता में वृद्धि होने के साथ साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है। गुरु पुष्य नक्षत्र का दिन खरीदारी, व्यापार व बही खातों के लिए काफी शुभ माना जाता है।
जैसलमेर रेगिस्तान महोत्सव, जिसे मरू महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध कार्यक्रम है जो राजस्थान के स्वर्ण शहर जैसलमेर में होता है। यह 22 से 24 फरवरी, 2024 तक पोखरण गांव में शुरू होने वाला है और इसकी मेजबानी जैसलमेर जिला प्रशासन के सहयोग से राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा की जा रही है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः माघ, पक्षः शुक्ल,
तिथिः त्रयोदशी दोपहर काल 01.22 तक है,
वारः गुरूवार।
नोटः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पुष्य सांय काल 04.43 तक है, योगः सौभाग्य दोपहरः काल 12.12 तक, करणः तैतिल,
सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः कर्क,
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.58, सूर्यास्तः 06.11 बजे।