पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 21 फरवरी 2024
नोटः आज प्रदोष व्रत है एवं तिल द्वादशी व्रत है।
माघ शुक्ल पक्ष की प्रदोष का व्रत 21 फरवरी 2024 दिन बुधवार को किया जाएगा। बुध त्रयोदशी प्रदोष व्रत करने से मनुष्य की सर्व कामनाएं पूर्ण होती हैं। बुध प्रदोष व्रत में हरी वस्तुओं का ज्यादा प्रयोग करना चाहिए। साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा-अर्चना विधि विधान करनी चाहिए और शिवलिंग का जलाभिषेक करके उस पर बेल पत्र चढ़ाने चाहिए।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन तिल द्वादशी का व्रत रखा जाता है। एकादशी की ही तरह ये तिथि भी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। तिल द्वादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। द्वादशी तिथि पर सूर्योदय से पहले तिल मिले पानी से नहाने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा से पहले व्रत और दान करने का संकल्प लें। फिर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए पंचामृत और शुद्ध जल से विष्णु भगवान की मूर्ति का अभिषेक करें। शिवजी मंदिर जाकर ऊँ नम: शिवाय मंत्र बोलते हुए शिवलिंग पर जल और दूध से अभिषेक करें। फिर बिल्व पत्र और फूल चढ़ाएं। इसके बाद काले तिल चढ़ाएं। इसके बाद शिव मूर्ति या शिवलिंग के नजदीक तिल के तेल का दीपक लगाएं। इस तरह पूजा करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है और जाने-अनजाने हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः माघ,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वादशी प्रातः काल 11.28 तक है,
वारः बुधवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पुनर्वसु दोपहर काल 02.18 तक है,
योगः आयुष्मान प्रातः काल 11.51 तक,
करणः बालव,
सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः मिथुन,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.59 सूर्यास्तः 06.11 बजे।