पंचांग, 19 फरवरी 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 19 फरवरी 2024

वसंत ऋतु

नोटः आज से वसंत ऋतु प्रारम्भ हो रही है। भारत की 6 ऋतुओं में से एक ऋतु है। अंग्रेज़ी कलेंडर के अनुसार फरवरी, मार्च और अप्रैल माह में वसंत ऋतु रहती है। वसंत को ऋतुओं का राजा अर्थात सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना गया है। इस समय पंचतत्त्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः माघ, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः दशमी प्रातः काल 08.51 तक है, 

वारः सोमवार।

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः मृगशिरा प्रातः काल 10.33 तक है, 

योगः विष्कुम्भक दोपहरः काल 12.01 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः मिथुन, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.01, सूर्यास्तः 06.10 बजे।