महृषि दयानंद जी के जन्मोत्सव व बसंत-पंचमी के पावन अवसर पर “गुरुकुल बिलासपुर” में यज्ञ का हुआ आयोजन
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 14 फरवरी
युग परिवर्तक वेदोउद्धारक महर्षि देव दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में इस महान युग दृष्टा के विचारों को अपने अंदर आत्मसात करते हुए हरियाणा प्रदेश के विख्यात शिक्षाविद डॉक्टर एम•के• सहगल ने “गुरुकुल यमुनानगर बिलासपुर” की स्थापना की जिसमे आधुनिक शिक्षा (सीबीएसई) के साथ-साथ वैदिक रीति से ओतप्रोत संस्कारो पर विशेष महत्त्व दिया जा रहा है, इसके अतिरिक्त योग, जिम्नास्टिक, कुश्ती, मैडिटेशन आदि भी कराये जाते है ताकि बच्चो का शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकास हो सके उनके 200वे जन्मोत्सव पर व बसंत पंचमी के पावन अवसर पर “गुरुकुल बिलासपुर” में यज्ञ का आयोजन किया गया ओर उस महामानव के कार्यों को स्मरण किया गया इस अवसर पर डॉ एम• के• सहगल ने बताया कि गुरुकुल बिलासपुर को खोलने का मुख्य उदेश्य बच्चों को शिक्षावान ओर संस्कारवान बनाना है ताकि फिर से भारत को विश्व गुरु बनाया जा सके और इसके लिए गुरुकुल बिलासपुर कृत संकल्प है। उन्होंने लोगो से अनुरोध किया की वो अपने बच्चो का गुरुकुल बिलासपुर में प्रवेश कराकर के उन्हें शिक्षा ओर संस्कार देकर एक सफल व्यक्ति बनाये ताकि बच्चे अपने जीवन में श्रेष्ठ ऊंचाइयों को प्राप्त कर सके।
बसंत पंचमी के पावन अवसर पर श्री सिद्धिविनायक एजुकेशनल ट्रस्ट की चेयरपर्सन डॉ रजनी सहगल ने ट्रस्ट द्वारा 17वर्षों से किए जाये उल्लेखनीय कार्यों को याद करते हुए “कार स्वरूप यादगार-स्मारक” का उद्घाटन भी किया।उन्होंने अभिभावकों को आहवान करते हुए कहा कि शिक्षा के अगर हम अपने बच्चो को संस्कारवान बनाना चाहते है तो हमे गुरुकुल बिलासपुर में बच्चो को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दिलवानी चाइए। इस अवसर पर शैली चौहान, राखी बाँगा, स्वरांजलि सहगल, नमन सहगल व स्टाफ के सदस्य मोजूद रहे।