Thursday, December 26

भाजपा और आरएसएस से मिल रहा कामराजा को स्पोर्ट

डिम्पल अरोड़ा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, डबवाली, 13 फरवरी

निकट भविष्य में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा में टिकट को लेकर रस्साकशी का दौर शुरू हो चुका है। सिरसा संसदीय सीट से भाजपा की टिकट के चाहवानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। चूंकि सिरसा संसदीय सीट आरक्षित श्रेणी से है, इसलिए अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों की नजर सिरसा सीट पर है।

वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा की टिकट पर श्रीमती सुनीता दुग्गल ने चमत्कारिक परिणाम दिखाए और पहली बार भाजपा ने सिरसा लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। तीन लाख वोटों के अंतर से उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को पराजित किया था।

श्रीमती दुग्गल उच्च शिक्षित है और आइआरएस सेवा से सेवानिवृत्त है। धार्मिक प्रवृत्ति की विदुषी है। उन्होंने सिरसा में रेल सेवाओं के लिए वो कार्य कर दिखाया, जिसके दशकों तक सिरसा को केवल सपने दिखाए गए। मई-2024 में मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल समाप्त होने वाला है। इससे पहले लोकसभा के चुनाव तय है। भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार मोदी सरकार सुनिश्चित करने की रणनीति पर कार्य किया जा रहा है। जानकार बताते हैं कि इस रणनीति के तहत कई वर्तमान सासंदों को विधानसभा चुनाव में उतारा जाता है। भाजपा कई प्रदेशों में इस रणनीति के तहत कार्य कर चुकी है।

बताया जाता है कि निकट भविष्य में होने वाले लोकसभा चुनाव में श्रीमती सुनीता दुग्गल को दोबारा मैदान में उतारने की बजाए सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वी. कामराजा को चुनाव में उतारा जा सकता है। वी. कामराजा जिस प्रकार पूरे सिरसा संसदीय क्षेत्र में पिछले कई माह से सक्रिय है और उन्होंने सिरसा के हुडा में किराए पर कोठी लेकर अपना ठिकाना बनाया है, उसे इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

बताया तो यह भी जाता है कि भाजपा और आरएसएस वी. कामराज के लिए लाबिंग कर रहें है। नए चेहरे के साथ भाजपा लोकसभा चुनाव में उतरना चाहती है ताकि सिरसा सीट पर धमाकेदार जीत दर्ज की जा सकें। माना यह भी जा रहा है कि सांसद श्रीमती दुग्गल को विधानसभा चुनाव में उतारकर उन्हें कोई अधिक महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है। चूंकि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल भी अक्टूबर 2024 में पूरा होने जा रहा है। सिरसा

से वी. कामराजा की उम्मीदवारी को

लेकर सिरसावासी बेहद उत्साहित है। वी. कामराजा वर्ष 1991-

92 के दौरान सिरसा में बतौर पुलिस अधीक्षक कार्यरत रहें। वह दौर पंजाब में आतंकवादा का दौरा था, जिसका खौफ सिरसा में भी बना रहता था। तब वी. कामराज ने जाबांजी से आतंकवाद को सिरसा में पनपने नहीं दिया। उस दौर में उन्होंने लोगों के जो कार्य किए, उसे 33 साल बीत जाने पर भी सिरसावासी आजतक नहीं भूलें। सिरसा में आज भी उनके काम की मिसाल दी जाती है। यह सिरसा के इतिहास में दर्ज है कि एक सरकारी अधिकारी के तबादले के विरोध में सिरसा बंद हुआ था। सरकार से उनका तबादला रद्द करने की मांग की गई थी।