विकास और पंचायत विभाग में SDE की भर्ती में 40% चयनित उम्मीदवार हरियाणा से बाहर के : दीपेन्द्र हुड्डा

  • खट्टर सरकार बताए दूसरे प्रदेशों से कौन पर्ची भेज रहा है जिनपर हरियाणा की बड़ी नौकरियां अन्य प्रदेशों के लोगों को दी जा रही है – दीपेन्द्र हुड्डा
  • HPSC और HSSC भर्ती घोटाले करने और दूसरे प्रदेशों के लोगों को हरियाणा की नौकरी देने का अड्डा बन गये हैं – दीपेन्द्र हुड्डा
  • खट्टर सरकार जब यहाँ की नौकरियां दूसरे प्रदेशों के लोगों को दे रही तो फिर वोट भी हरियाणा से बाहर जाकर मांगना चाहिए – दीपेन्द्र हुड्डा
  • हरियाणा वालों को तो अन्य प्रदेशों में मौका नहीं मिलता लेकिन हरियाणा की भर्तियों में बड़ी तादाद में दूसरे प्रदेशों के लोगों का चयन हो रहा– दीपेन्द्र हुड्डा

·        विकास और पंचायत विभाग में SDE (सिविल) की भर्ती में 40% चयनित उम्मीदवार हरियाणा से बाहर के – दीपेन्द्र हुड्डा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली, 13 फरवरी

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा की नौकरियों में ज्यादातर चयन अन्य प्रदेशों के अभ्यर्थियों का होने पर चिंता जताते हुए कहा कि HPSC और HSSC भर्ती घोटाले करने और दूसरे प्रदेशों के लोगों को हरियाणा की नौकरी देने का अड्डा बन गये हैं। उन्होंने कहा कि खर्ची पर्ची का राग अलापने वाली खट्टर सरकार बताए दूसरे प्रदेशों से कौन पर्ची भेज रहा है जिनपर खट्टर सरकार हरियाणा की बड़ी नौकरियां अन्य प्रदेशों के लोगों को बाँट रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ BJP-JJP सरकार हरियाणवी युवाओं को ठेके पर कमीशन लेकर युद्ध क्षेत्र इज़राइल में झोंक रही है और दूसरी तरफ यहाँ की बड़ी-बड़ी नौकरियां ज्यादातर दूसरे प्रदेशों के लोगों को दे रही है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि खट्टर सरकार वोट तो हरियाणा वालों से मांगती है और नौकरी हरियाणा के बाहर वालों को देती है। जब हरियाणा की नौकरियां दूसरे प्रदेशों के लोगों को देना है तो फिर वोट भी दूसरे प्रदेशों में जाकर मांगना चाहिए।

उन्होंने बताया कि HPSC ने विकास और पंचायत विभाग में SDE (सिविल) की भर्ती में सामान्य वर्ग के 48 पदों में से अन्य प्रदेशों के 19 अभ्यर्थियों का चयन किया है। यानी लगभग 40% चयनित उम्मीदवार हरियाणा से बाहर दूसरे प्रदेशों के हैं। इससे पहले दिसंबर 2023 में सरकार ने 7 BDPO भर्ती किए, जिनमें से 4 गैर-हरियाणवी थे यानी आधे से ज्यादा हरियाणा के बाहर के थे। फरवरी 2021 में हुई SDO इलेक्ट्रिकल की भर्ती में 90 पदों के लिए 99 लोगों को सिलेक्ट किया गया जिसमें 77 बाहर के थे और 22 हरियाणा के थे। ये वहीं भर्ती थी जिसे 2019 चुनावों से पहले कैंसिल किया गया था। क्योंकि पहले इस भर्ती में 80 में से 78 बाहर के अभ्यार्थियों को सिलेक्ट किया गया। इसी तरह लेक्चरर ग्रुप-B (टेक्निकल एजुकेशन) की भर्ती में सामान्य श्रेणी के 157 में से 103 अभ्यार्थी हरियाणा से बाहर के सेलेक्ट हुए थे। यानि हरियाणा की राजपत्रित लेवल की पोस्ट पर हरियाणा से बाहर के 65% से ज़्यादा अभ्यर्थियों का चयन हुआ। साल 2019 में असिस्टेंट प्रोफेसर पॉलिटिकल साईंस की भर्ती में 18 में से 11 उम्मीदवार बाहरी थे और सिर्फ 7 हरियाणवी थे। कृषि विभाग के लिए HPSC ने 600 ADO पदों के लिए भर्ती निकाली थी। लेकिन सिर्फ 57 कैंडिडेट्स को पास करके इंटरव्यू के लिए बुलाया गया और उनमें से भी 50 का ही चयन किया गया। हैरानी की बात है कि भर्ती में जनरल केटेगरी के 23 पदों में से 16 पदों पर हरियाणा से बाहर के उम्मीदवारों का चयन किया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा अकेला ऐसा प्रांत है, जहाँ स्टाफ नर्स व वेटेरिनरी की पोस्ट के लिए हरियाणा नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल व हरियाणा वेटेरिनरी रजिस्ट्रेशन काउंसिल का पंजीकरण अनिवार्य नहीं, जबकि दूसरे प्रदेशों में प्रांतीय काउंसिल का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसके कारण बाहर के युवा हरियाणा में नर्सिंग व वेटेरिनरी में भर्ती हो रहे हैं और हरियाणा के युवाओं को न हरियाणा में जगह मिलती और न अन्य प्रदेशों में। इसी तरह कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश के डाकखाना में GDS पद पर चयनित हरियाणा के 3 युवाओं को इसलिए नियुक्ति नहीं दी गई, क्योंकि वो यूपी के नहीं थे।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा का नौजवान रिकार्ड बेरोजगारी के कारण डिप्रेशन और नशे की गिरफ्त में चला गया या अपना सब कुछ बेचकर, कर्ज लेकर विदेशों में नौकरी खोजने को मजबूर है। हरियाणा वालों को तो अन्य प्रदेशों में मौका नहीं मिलता लेकिन हरियाणा की भर्तियों में बड़ी तादाद में दूसरे प्रदेशों के लोगों का चयन हो रहा है। इस काम को करने के लिए बीजेपी-जेजेपी सरकार ने HPSC में चेयरमैन भी झारखंड से लाकर बैठा दिया। दीपेन्द्र हुड्डा ने सवाल किया कि क्या हरियाणा की लगभग 3 करोड़ आबादी में सरकार को इस महत्वपूर्ण पद के लिए कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिला?

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार हरियाणवी युवाओं को नौकरियों से पूरी तरह वंचित करना चाहती है। इसीलिए जानबूझकर सरकारी भर्तियों के लिए ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं, ताकि अन्य राज्यों के लोगों को सीधा लाभ मिल सके। HPSC ने सहायक पर्यावरण अभियंता भर्ती के सिलेबस से हरियाणा जीके को पूरी तरह खत्म कर दिया। एचएसएससी और एचपीएससी की भर्तियों लगातार गैर-हरियाणवियों को तरजीह देने वाली नीति अपनाई जा रही है। एसडीओ, बीडीपीओ, लेक्चरर से लेकर सहायक पर्यावरण अभियंता तक हर भर्ती में हरियाणवियों के साथ साजिश हो रही है। बीजेपी-जेजेपी ने प्राइवेट नौकरियों में 75% हरियाणावी युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, वो तो मिला नही उलटे ये सरकार अब हरियाणा की नौकरियों में 75% बाहरी लोगों को भर्ती करने की नीति पर आगे बढ़ रही है। जो स्पष्ट दिखाई दे रहा है।