पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भारत रत्न से सम्मानित होंगे
भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं। लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- लालकृष्ण आडवाणी को केंद्र सरकार देगी भारत रत्न
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दी जानकारी
- PM मोदी ने फोन पर आडवाणी को बधाई भी दी
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 03 फरवरी :
केंद्र सरकार भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा करते हुए इसे अपने लिए बहुत भावुक क्षण बताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी के साथ अपनी तस्वीरों को शेयर करते हुए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की जानकारी सोशल मीडिया पर दी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने उनसे बात भी की और उन्हें यह सम्मान दिए जाने पर बधाई दी। हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।”
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे। शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी। इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया।
1947 में आडवाणी देश के आजाद होने का जश्न भी नहीं मना सके क्योंकि आजादी के महज कुछ घंटों में ही उन्हें अपने घर को छोड़कर भारत रवाना होना पड़ा। विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आकर बस गया। यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है। उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है।
96 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी उम्र और स्वास्थ्य के कारण अब सार्वजनिक जगहों पर नहीं दिखते हैं, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में भी आमंत्रण के बावजूद वो नहीं आ पाए थे। हालाँकि, उन्होंने बयान जारी कर के कार्यक्रम का स्वागत किया था। हाल ही में मोदी सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘जननायक’ कहे जाने वाले दिवंगत नेता कर्पूरी ठाकुर को भी ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया है। नाई समाज से आने वाले कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में पिछड़ों के उत्थान के लिए काम किया था।