पंचांग, 22 जनवरी 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 22 जनवरी 2024
नोटः आज सुजन्म द्वादशी है। सुजन्म द्वादशी का उत्सव पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन मनाया जाता है। यह पर्व पुत्रदा एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि पर आरंभ होता है। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन का विधान है। एक अन्य मान्यता अनुसार इस व्रत का महत्व तब और भी अधिक बढ़ जाता है जब इस तिथि के दिन ज्येष्ठा नक्षत्र भी पड़ रहा हो, तो उस समय पर इस दिन व्रत एवं पूजा इत्यादि समस्त कार्यों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः पौष,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वादशी सांयः काल 07.52 तक है,
वारः सोमवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मृगशिरा रात्रि काल 04.59 तक है,
योगः ब्रह्म प्रातः काल 08.46 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः मकर, चन्द्र राशिः वृष,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.18, सूर्यास्तः 05.48 बजे।