श्रीमद्भागवत कथा में भक्ति रस का मिश्रण न हो तो कथा में आनंद की  प्राप्ति संभव न होगी : जया किशोरी 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली, 19 जनवरी

श्रीमद्भागवत कथा में भक्ति रस का मिश्रण न हो तो कथा में आनंद की  प्राप्ति संभव न होगी। इसलिए श्रीमद्भागवत कथा में भक्ति रस की प्रधानता है। यह प्रवचन विश्व प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर एवं आध्यात्मिक गुरु जया किशोरी ने मोहाली जिले के बनूड़ कस्बे में  बनूड़ – लांडरां रोड पर स्थित द लुटियंस में एमबीडी बिल्डर ग्रुप द्वारा आयोजित की जा रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहे। मुख्य यजमान सुरिंदर बंसल ने जानकारी देते हुए बताया कि कथावाचिका जया किशोरी ने आज की कथा में श्री हरि के सृष्टि में लिए सभी अवतारों का सजीव चित्रण किया और बताया कि श्रीहरि को यह अवतार क्यों और किस लिए लेने पड़े। उन्होंने श्री कृष्ण बाल लीला व श्री गोवर्धन पूजा की भी वर्णन व व्याख्या की। उन्होंने कहा कि तृप्ति चाहिए तो त्याग करना होगा। आज 80% लोग दुखों का कारण स्वयं ही हैं। हमें भक्ति में माहौल में रहना चाहिए और हर हमेशा लोगों के दुख में साथ देना चाहिए तभी हम मोक्ष पा सकते हैं। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान में आज भी सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया। आयोजक ग्रुप के बिज़नेस हेड सतविंदर पाल ने जानकारी देते बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का समापन 21 जनवरी को होगा व सुबह 11 बजे से 2 बजे तक भोग डाला जायेगा। तदोपरांत अटूट भंडारा चलेगा। कथा सुनने के लिए चण्डीगढ़, पंचकूला, मोहाली, अंबाला, पटियाला तक से श्रद्धालुगण पहुंच रहे हैं।